रोजगार कैसे प्राप्त करें, बेरोजगारी कैसे दूर करें, पूज्य गुरु के शानदार टिप्स

msg

बरनावा। सच्चे, रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा (यूपी) से अपने अमृतमयी वचनों की वर्षा करते हुए फरमाया कि मालिक के नाम में सुख है, आत्मिक शांति है, मालिक के नाम में तंदुरुस्ती है। मालिक के नाम में वो सब नियामतें हैं जो आपने कभी सोची भी नहीं होंगी। वो सब खुशियां हैं जिसकी आपने कभी कल्पना नहीं की होगी। क्योंकि राम, ओउम, हरि, अल्लाह, गॉड, ख़ुदा, रब्ब सब कुछ देने वाला है, सब कुछ बनाने वाला है, वो दया का सागर, रहमत का दाता है, अन्दर बाहर किसी को कोई कमी नहीं छोड़ता। पर आज का दौर बड़ा ही भयानक दौर है।

कोई काम छोटा नहीं होता, शुरूआत तो कीजिये

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि कोई भी बेरोजगार ना रहे अगर यह सोच ले कि मैंने कोई ना कोई अच्छा कर्म करना ही करना है। चाहे वो छोटी स्केल (स्तर) से शुरू करे या बड़े से। छोटा कुछ नहीं होता, आपने देखा होगा कि हमारे देश में जो धनाढ्यों में नंबर रखते हैं, वो भी किसी समय में बड़े गरीब हुआ करते थे और आज कहां से कहां पहुंच गए। तो उन्होंने छोटे से छोटा काम करने में भी संकोच नहीं किया। तो उसी तरह आप भी कर्मयोगी बनिये, जो हमारे पवित्र वेदों में बोला, ज्ञान योगी बनिये। कर्म करते जाइये।

ये सभी धर्मों में है कि कर्म करना और ज्ञानयोगी होना बेहद जरूरी है। तो ज्ञान हासिल करो और कर्मयोगी बनकर आगे बढ़ते जाओ। शुरूआत चाहे दिहाड़ी-मजदूरी से क्यों ना करनी पड़े, चाहे आप कितने भी पढ़े लिखे क्यों न हों, बेरोजगारी से वो दिहाड़ी-मजदूरी हजारों गुणा ज्यादा अच्छी है। पर इगो भी तो कोई चीज होती है। मैंने इतनी डिग्रियां, मेरे पास ये-ये, फिर भी मुझे कुछ नहीं हासिल हो रहा, फिर भी नौकरी नहीं, मेरे साथ वाला ये हो गया, मेरे पीछे वाला, मेरे आगे वाला, उस चक्कर में मत पड़ो।

असफल होने पर भी प्रयास करना मत छोड़ो

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हर कोई अपने कर्मों की और मेहनत की करके आगे बढ़ता है। कईयों के संचित कर्म बहुत अच्छे होते हैं, वो जिस चीज को भी हाथ डालते हैं, सोना बन जाता है। और कईयों के संचित कर्म इतने बुरे होते हैं कि सोने को हाथ डालें तो राख बन जाता है। पर इसका मतलब ये थोड़ा है कि आप हाथ डाला और राख बन गया और छोड़ दिया, जी नहीं, मेहनत करनी ना छोड़ो। हक-हलाल, कड़ा परिश्रम, हार्ड वर्क, दसां नहुंआ दी कीरत करते रहो। कोई भी काम मिल जाए, कोई भी काम छोटा-बड़ा नहीं होता। पता नहीं भगवान ने आपके लिए क्या छुपा कर रखा है? छोटा सा काम शुरू किया, क्या पता वो कब बड़ा हो जाए और आप तरक्की कर जाएं।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।