ईलाज के अभाव में नीलगाय के बच्चों की मौत, बिश्नोई समाज में रोष

विभागीय कार्यालय में मिली शराब की बोतलें व अंडों के छिलके

  • विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई न हुई तो सोमवार को लगाएंगे दफ्तर को ताला : बिश्नोई

अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) गत दिवस ओपन सेंच्युरी एरिया के गांव सीतो और दुतारांवाली में नील गायों के दो बच्चे कुत्तों द्वारा नोंचने पर घायल हो गए। बिश्नोई समाज द्वारा वन्य जीव रक्षा विभाग कर्मियों को सूचना देने पर जब कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे तो इन दोनों जीवों की मौत हो गई। आज रोषित बिश्नोई समाज के लोग विभागीय कार्यालय पहुंचे तो यहां उन्हें इससे भी बड़ा आघात लगा क्योंकि कार्यालय के भीतर अंडे के छिल्के और शराब की बोतलें पड़ी थी। उन्होंने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को देते हुए चेतावनी दी कि यदि विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई न हुई तो सोमवार को दफ्तर को ताला लगा देंगे।

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इस बारे में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के पंजाब प्रधान विजय पाल गोदारा व सदस्य रमेश बिश्नोई, हनुमान गोदारा, इन्द्रजीत ने बताया कि गत दोपहर तीन बजे उन्हें सूचना मिली कि सीतो और दुतारांवाली में शिकारी कुतों ने नीलगाय के बच्चों को नोंच डाला है जिससे वे गंभीर घायल है, उन्होंने इसकी सूचना वन्य जीव रक्षा विभाग के वन रेंज अधिकारी मंगत राम को दी, करीब दो घंटों तक कोई भी अधिकारी या डॉक्टर नहीं पहुंचा जिसके बाद गांववासियों के सहयोग से दोनों नीलगायों के बच्चों निजी साधन से विभागीय कार्यालय और गौशाला भेजा, जहां पर पूर्ण ईलाज न मिलने के कारण उनकी रात को मौत हो गई।

आखिर क्यों नहीं पहुंचे वन रेंज अधिकारी?

रमेश बिश्नोई ने बताया कि रेंज अधिकारी सूचना मिलने पर भी इसलिए नहीं पहुंचें क्योंकि वे चार गावों में किसी प्रोजेक्ट संबंधी सरपंचों के हस्ताक्षर करवाने में जुटे थे। आरोप के अनुसार उन्होंने इन जीवों की जान को बचाना जरुरी नहीं समझा और इतनी बड़ी लापरवाही रही कि रेंज अधिकारी, ब्लॉक अधिकारी और न ही कोई वन गार्ड मौके पर पहुंचा। घटना की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने इसकी सूचना डीएफओ को दी, जिनके आदेश पर केवल एक बेलदार साईकिल पर मौके पर आया जो कि बेहद शर्मनाक कार्रवाई थी।

जो खुद मांस-मदिरा का सेवन करते हैं वे जीवों की रक्षा कैसे करेंगे : बिश्नोई समाज

आज सुबह बिश्नोई समाज के लोग रोष स्वरुप जब विभाग के अबोहर कार्यालय में पहुंचे तो देखा कि वहां पर कार्यालय के साथ ही खंडर क्वाटरों में कुछ अंडों के छिलके और दारु की बोतलें पड़ी थी। जिस पर उन्होंने कड़ा ऐतराज जताया और इसकी सूचना मिलने पर बिश्नोई समाज के कई नेता पहुंचे और कहा कि ऐसी घटना से बिश्नोई समाज को ठेस पहुंची है क्योंकि जो लोग खुद मांस मदिरा का सेवन करते हैं वे कैसे जीवों की रक्षा करेंगे। चार घंटे के रोष के बाद रेंज अधिकारी व कर्मचारियों को चेतावनी दी कि यदि सोमवार तक इस लापरवाही के जिम्मेवारी अधिकािरयों पर कड़ी कार्रवाई न हुई तो बिश्नोई समाज सोमवार को इस दफ्तर को ताले जड़ देगा।

वन रेंज अधिकारी ने वनगार्ड को बताया मामले का दोषी

वन रेंज अधिकारी मंगत राम से कार्यालय में दारु व अंडे के बारे में पूछने पर उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। उनका कहना था कि यहां पर अंडे किसने खाए या दारु किसने पी उन्हें नहीं पता। जब बिश्नोई समाज के लोगों ने तीन घंटों तक लिखित में लापरवाही का जबाव मांगा तो उन्होंने अपने विभाग के एक वनगार्ड को इसका दोषी ठहराते हुए उसका नाम लिखित में बिश्नोई समाज को देकर कहा कि इसके खिलाफ विभागीय कारवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा दो जीवों की लापरवाही से हुई मौत पर भी वे उचित जबाव नहीं दे पाए। उनका कहना था कि वे सरकारी गाड़ी पर गांवों में प्रोजेक्ट के सिलसिले में गए थे इसलिए मौके पर नहीं पहुंच पाए।

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