अब यूरिया के लिए मारामारी

Now fight for urea sachkahoon

कंपकपाती ठंड में लाइनों में लगने को मजबूर हुए अन्नदाता

तोशाम (सच कहूँ/वीरेन्द्र)। हाड कंपा देने वाली सर्दी के बीच किसानों को खाद के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। शुक्रवार को ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला भिवानी जिले में तोशाम के ईशरवाल गाँव में। यहां यूरिया लेने के लिए किसान को लंबी-लंबी लाइनें लगाएं खड़े नजर आए। न सिर्फ पुरुष बल्कि चूल्हा-चौका छोड़ महिलाएं भी लाइनों में लगी रहीं।

शुक्रवार को ईशरवाल की दुकानों में 1275 बैग यूरिया पहुंचा। किसानों को जैसे ही खाद आने की भनक लगी, उन्होंने दुकानों के बाहर लाईन लगानी शुरू कर दी। गांव ईशरवाल, रोढ़ा, ढ़ाणी कतवार, हसान, मंढाण, जैनावास, खावा, भारीवास, झुल्ली, हरियावास, सिधनवा, मंढोली, गोपालवास आदि गांव के किसान खाद लेने के लिए पहुंच गए। किसान प्रमिन्द्र, रोशन रोढ़ा, हवासिंह, यशपाल बुशान, महेन्द्र ईशरवाल, जयप्रकाश हसान, महाबीर महला ईशरवाल सहित अनेक गांव के किसानों ने बताया कि कड़ाके की ठंड़ में सुबह लाईन में लगे थे, लेकिन एक आधार कार्ड पर दो बैग युरिया दी जा रही, वो भी आधे किसानों को ही मिल पाई। दुकान पर महिलाएं भी चूल्हा-चौका छोड़कर खाद खरीदने के लिए पहुंचीं। किसानों ने बताया कि इस बार किसानों को खाद के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहले डीएपी के लिए परेशान रहे अब यूरिया के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

खंड कृषि अधिकारी संजय मक्कड़ ने बताया कि शुक्रवार को ईशरवाल की तीन दुकानों पर 1275 यूरिया के बैग पहुंचे थे। इसलिए लोगों की भीड़ जमा हो गई थी।

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