उफ! ये महंगाई मार डालेगी

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गृहणियां बोलीं: अगर इसी तरह गैस सिलेंडर के दाम बढ़ते रहे तो मजबूरन फिर से बनछटियों वाला चूल्हा जलाना पड़ेगा

सच कहूँ/राजू ओढां। कोरोना काल के चलते जनता वैसे ही परेशान है और ऊपर से बढ़ रही महंगाई कोढ़ में खाज का काम कर रही है। एक तरफ तो सरकार उज्ज्वला योजना के तहत लोगों को बनछटियों वाले चूल्हे को छोड़कर गैस-चूल्हा इस्तेमाल करने की बात कह रही है तो वहीं दूसरी तरफ सिलेंडरों के दाम बढ़ाकर आम आदमी की कमर तोड़ने का कार्य कर रही है। हाल ही में बढ़े एलपीजी सिलेंडरों के दामों ने गृहणियों का बजट बिगाड़ दिया है। पिछले 4 दिनों के अंतराल में सिलेंडर के दामों में 25.50 रुपए की बढ़ोतरी के बाद सरसा में अब सिलेंडर के दाम करीब 864 रुपए तक पहुंच गए हैं। बढ़े दामों के चलते लोगों में सरकार के प्रति रोष देखा जा रहा है।

लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से आमजन वैसे ही बहुत परेशान है और ऊपर से बढ़ रही महंगाई कमर तोड़ रही है। इस बारे जब गृहणियों से बातचीत की गई तो उन्होंने एक स्वर में कहा कि ये दाम अब कहां तक पहुंचेंगे। इन बढ़े दामों के कारण रसोई का बजट गड़बड़ाकर रह गया है। इस महंगाई को लेकर गृहणियां सरकार को कोसते हुए दाम कम करने की मांग कर रही है। ओढां, कालांवाली, गंगा, चौटाला, बणी व रोड़ी क्षेत्र में 14 किलो 200 ग्राम का गैस सिलेंडर 872 रुपए व 19 किलोग्राम का सिलेंडर 1633 रुपए में मिल रहा है। दाम बढ?े से पूर्व सिलेंंडर पर 20 रुपए 86 पैसे की सब्सिडी थी, लेकिन अभी दाम बढ़ाने के बाद सब्सिडी कितनी मिलेगी इसका अभी कोई पता नहीं है।

घरेलू सिलेंडर के दाम बढ़ने से रसोई का बजट गड़बड़ाकर रह गया है। समझ नहीं आ रहा कि ये दाम कहां जाकर रूकेंगे। घर में हर माह एक सिलेंडर की खपत होती है। सब्सिडी भी न के बराबर ही है। हर माह सिलेंडर खरीदना दुश्वार साबित हो रहा है। अगर इसी तरह से दाम बढ़ते रहे तो घर चूल्हा जलाना भी मुश्किल साबित हो जाएगा। सरकार को चाहिए कि सिलेंडर के दाम कम किए जाएं।

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– सुनीता सुथार, गृहणी (नुहियांवाली)।

पिछले कुछ समय के अंतराल में सिलेंडर के दाम काफी बढ़े हैं। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्यम वर्गीय परिवार की हालात क्या होगी। जैसे-जैसे सिलेंडर खत्म होता है वैसे-वैसे नए सिलेंडर को लेकर चिंता लग जाती है। अब तो गैस को भी सोच-समझकर बरतना पड़ता है। सरकार को चाहिए कि महंगाई पर कंट्रोल करने के लिए उचित कदम उठाएं।

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– किरण मदान, गृहणी (पन्नीवाला मोटा)।

सिलेंडर के अलावा भी अन्य महंगाई बढ़ती जा रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ-साथ नौकरीपेशा वालों के लिए भी घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। अब तो तकरीबन हर रोज ही सिलेंडर के दाम बढ़ रहे हैं। लॉकडाउन के चलते इस महंगाई में आम आदमी का वैसे भी जीना दुभर होकर रह गया है। समझ नहीं आ रहा कि सरकार महंगाई पर कोई अंकुश लगाने की वजाए इसे और क्यों बढ़ा रही है।

Rajni

– रजनी यादव, गृहणी (नुहियांवाली)।

कोरोना काल ने वैसे ही लोगों को परेशानी में डाल रखा है और ऊपर से सरकार ने महंगाई बढ़ाकर उनकी परेशानी को दोगुना कर दिया। आज हर घर गैस सिलेंडर पर आश्रित है। अगर इसी तरह दामों में ईजाफा होता रहा तो उन्हें मजबूरन गैस-चूल्हा छोड़कर फिर बनछटियों वाले चूल्हे से काम चलाना पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि महंगाई को कंट्रोल कर जनता को राहत प्रदान करे। सरकार ने लोगों को योजना के तहत सिलेंडर तो दे दिए, लेकिन अब उन्हें भरवाएं कैसे।

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– अंजू शर्मा, गृहणी (ओढां)।

सिलेंडर के बढ़ रहे दाम सुनकर मैं आश्चर्यचकित हूं। कुछ समय पहले जो सिलेंडर 650 या 700 रुपए का मिलता था वही सिलेंडर आज करीब 872 रुपए तक मिल रहा है। ये भी पता नहीं कि इनके दाम और कब बढ़ जाएं। अब तो सिलेंंडर खरीदना दुश्वार होकर रह गया है। सरकार को इस ओर ध्यान देकर लोगों को राहत प्रदान करनी चाहिए।

Nirmla

– निर्मला देवी, गृहणी (नागोकी)।

सरकार एक तरफ तो उज्ज्वला योजना के तहत हर घर में सस्ते दामों में गैस सिलेंडर पहुंचाने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाकर लोगों की कमर तोड़ने का कार्य कर रही है। अकेला सिलेंडर ही नहीं अपितु रसोई के हर सामान के रेटों में आग लगी हुई है। घर का खर्च चलाना दुश्वार होता जा रहा है। अब तो चूल्हा जलाने से पहले कई बार सोचना पड़ता है।

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– सरोज वर्मा, गृहणी (सरसा)।

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