अब गौशाला को 20 साल के पट्टे पर जमीन दे सकेंगी पंचायतें

Manohar Lal
हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर प्रोफाइल फोटो

36 में से 33 एजेंडों को मिली मंजूरी

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अनिल कक्कड़)। मुख्यमंत्री मनोहर (Manohar Lal) लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा कैबिनेट  की बैठक में बुधवार को कुल 36 एजेंडों को रखा गया, जिनमें से 33 को मंजूरी मिली। इनमें कॉमन विलेज नियम 1964 में संशोधन को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही गौशाला, बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने वाली इच्छुक सामाजिक सोसायटी या धार्मिक संस्थाएं तथा चारे को उगाने के लिए अब शामलात भूमि को 20 वर्ष तक की अवधि के लिए पट्टे पर ले सकेंगी, इसके लिए हरियाणा सरकार ने पंजाब गाँव सांझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 के उप-नियम (2क) में संशोधन किया है।

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गौशालाओं में पट्टेधारक को कुल पशु जन संख्या का कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशुओं को पट्टा अवधि के दौरान गौशाला में रखना होगा। इन नियमों को पंजाब गाँव सांझा भूमि (विनियमन) हरियाणा संशोधन नियम, 2023 कहा जाएगा। उक्त संशोधन के बाद, अब ग्राम पंचायत को अपनी भूमि आवंटन के माध्यम से 20 वर्ष तक की अवधि के लिए कम से कम प्रति वर्ष 5100 रुपये प्रति एकड़ की दर से पट्टे पर देने की अनुमति होगी। (Haryana Cabinet) धार्मिक संगठन को समाज के लिए परोपकारी योगदान के इतिहास के साथ उनके पूर्वजों को सत्यापित किया गया है जिसे जिला स्तरीय समिति और हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित किया जाएगा।

शामलात देह में किसी भी भूमि को गौशाला निर्माण के उपरान्त प्रति 100 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) के लिए 0.75 एकड़ के अनुपात में गौशाला की स्थापना हेतु पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी। शामलात देह में किसी भी भूमि को बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र आदि जैसे सहायक उद्देश्यों के लिए 1500 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) वाली गौशाला को 2 एकड़ भूमि पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी। गौशाला निर्माण के बाद गौचरण के लिए चिन्हित भूमि में से 1.5 एकड़ भूमि प्रति 100 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु)के लिए चारे की खेती हेतु पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी।

कर्मचारियों को राहत

हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार किया है। इस नीति का उद्देश्य राज्य सरकार के सभी लाभार्थियों तक अपनी पहुंच के माध्यम से आयुष प्रणाली का उत्थान करना है। चूंकि इन लाभार्थियों में से अधिकांश आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत अपना इलाज करवा रहे हैं, लेकिन सूचीबद्ध आयुष अस्पताल नहीं होने के कारण उन्हें अपने बिलों की प्रतिपूर्ति करवाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।

इन्हीं कठिनाइयों को देखते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार किया गया है। इस नीति के अनुसार, सभी सरकारी आयुष संस्थान, निजी आयुष अस्पताल, जिनके पास एनएबीएच प्रमाणपत्र और प्रवेश स्तर के एनएबीएच प्रमाणपत्र हैं, उन्हें इस नीति के तहत सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे आयुष निजी चिकित्सकों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि वे अपने अस्पतालों को सूचीबद्ध करवा सकते हैं। हरियाणा सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रित राज्य सरकार के तहत आयुष सूचीबद्ध अस्पतालों में इंडोर दाखिल होकर अपनी बीमारी का इलाज करा सकते हैं।

एचसीएस परीक्षा में अब होंगे पाँच विकल्प

मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न में पांच विकल्प यानि (ए, बी, सी, डी और ई) उपलब्ध होंगे। यदि कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न को अटेम्प्ट करता है, तो उसे उपयुक्त गोले ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ या ‘डी’ को काला करना होगा और यदि कोई प्रश्न नहीं करना है, तो उसे ‘ई’ गोले को काला करना होगा। यदि किसी भी गोले को काला नहीं किया जाता है, तो एक चौथाई (0.25) अंक काट लिए जाएंगे।

कोई भी उम्मीदवार 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में पांच गोलों में से किसी एक को काला नहीं करता है, उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने यहां नियम 11 (1) हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) नियम, 2008 में इस संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाद में ओएमआर शीट में कोई छेड़छाड़ न की जा सके। हरियाणा लोक सेवा आयोग ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक प्रस्ताव दिया था।

ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ में आधार जरूरी

बैठक में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों पर सामान्य पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पंजीकरण के समय आधार प्रमाणीकरण सेवा का उपयोग http://onetimeregn.haryana.gov.in/ पोर्टल पर अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया। भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाने और भर्ती उद्देश्य विशेष रूप से कंप्यूटर डेटा में फर्जी या डुप्लीकेट उम्मीदवारों की अनावश्यक जानकारी को समाप्त करने में सहायता के लिए यह निर्णय लिया गया है। इससे सीधी सरकारी भर्ती प्रक्रिया में विश्वसनीयता भी सुनिश्चित होगी। जब कोई व्यक्ति अपने बायोमेट्रिक डेटा को सांझा करने के लिए सहमत होता है, तो आधार अधिनियम में निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों में आधार की वैधता को बरकरार रखा हैैै।

रेंटेड गवर्नमेंट प्रॉपर्टीज पॉलिसी मंजूर

बैठक में ‘द हरियाणा डिस्पोजल आॅफ रेंटेड गवर्नमेंट प्रॉपर्टीज पॉलिसी-2023’ को स्वीकृति प्रदान की। यह नीति सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और प्राधिकरणों को अपनी संपत्ति (दुकानों/मकानों), जो कि पिछले 20 वर्षों या उससे अधिक समय से किराए या पट्टे के माध्यम से व्यक्तियों या निजी संस्थानों के कब्जे में हैं, उस संपत्ति को बेचने के लिए एक व्यापक नीति है। सरकार के संज्ञान में आया है कि राज्य में शहरी स्थानीय निकायों के स्वामित्व वाली कई संपत्तियां हैं जिन्हें 20 साल से अधिक समय पहले अलग-अलग व्यक्तियों या निजी संस्थाओं को पट्टे या किराए पर दिया गया था। सरकार ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया है कि चूंकि इन संपत्तियों को काफी समय पहले किराए /पट्टे पर दिया गया था, इसलिए किराये या पट्टे के किराये के रूप में केवल एक मामूली राशि तय की गई थी, जबकि संपत्ति का मूल्य कई गुना ज्यादा था।

सेवा नियमों में बदलाव

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा कौशल विकास तथा औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, ग्रुप (ख) निदेशालय तथा क्षेत्रीय कार्यालय, सेवा नियम, 2023 को मंजूरी प्रदान की गई। नये नियमों में सहायक निदेशक (तकनीकी), वरिष्ठ शिक्षुता पर्यवेक्षक, प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग में डिग्री निर्धारित की गई है।

रोजगार सृजन सब्सिडी 48 हजार की

राज्य के स्थानीय युवाओं में निवेश के प्रति आकर्षण की भावना को बढावा देने व रोजगार के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति-2020 के तहत कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी को बढ़ाकर 36000 रुपए से 48,000 रुपए तक तय करने का निर्णय लिया गया है। यह सब्सिडी बी, सी व डी ब्लॉक में हर साल हर कर्मचारी के लिए 10 साल तक लागू होगी।

जीएसटी को लेकर सीएम को मिली शक्तियां

बैठक में हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत मंत्रिपरिषद और संबंधित मामलों की शक्तियां मुख्यमंत्री को सौंपे जाने की स्वीकृति प्रदान की। जीएसटी एक दोहरी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है, जिसमें केंद्र और सभी राज्यों द्वारा एक साथ कर लगाया जाता है। जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर जीएसटी कानून के सभी प्रावधान संबंधित राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए हैं। चूंकि सभी प्रावधानों को समान रूप से तैयार किया जाना है और सभी राज्यों और केंद्र में एक साथ लागू किया जाना है, इसलिए हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत विभिन्न अधिसूचनाएं जारी करने के लिए यह नियम बनाना समय की आवश्यकता है।

कॉलोनियों को लेकर उठाया बड़ा कदम

मंत्रिमंडल की बैठक में लाइसेंसशुदा कॉलोनियों में फेजिंग हेतु नीति तथा ले-आउट प्लान और बिल्डिंग प्लान के पुनरीक्षण के लिए दो-तिहाई आवंटियों से सहमति लेने की स्वीकृति प्रदान की गई। इस नीति का उद्देश्य ले-आउट और भवन नक्शों के संशोधन से जुड़े मामलों में आपत्तियां, सुझाव आमंत्रित करने और आबंटियों की सहमति लेने की आवश्यकता के संदर्भ में मुद्दों और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है। इसके साथ ही अधिनियम 1975 की धारा 8 के तहत कम घनत्व वाली पर्यावरण के अनुकूल कॉलोनियों को योजना अनुसार विकसित करने व लाइसेंस प्रदान करने के लिए नीति में संशोधन करने की स्वीकृति प्रदान की है।

इन कालोनियों की स्थापना के लिए हाइपर और हाई पोटेंशियल जोन में 25 एकड़, मध्यम जोन में 15 एकड़ और कम क्षमता वाले जोन में 10 एकड़ न्यूनतम भूमि की आवश्यकता होगी। कॉलोनी में कोई भी अन्दर की सड़क 9 मीटर से कम चैड़ाई की नहीं होगी। ऐसी कॉलोनी में कम से कम 1 एकड़ से 2.5 एकड़ तक एक प्लाट की ही अनुमति होगी।

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