Ratnavali festival : हरियाणा के लजीज पकवानों के दीवाने हो गए कलाकार

Ratnavali festival Kurukshetra

उत्सव में हरियाणवी खान-पान को किया जा रहा प्रोत्साहित

सच कहूँ, देवीलाल बारना
कुरुक्षेत्र। रत्नावली समारोह (Ratnavali festival Kurukshetra) में हरियाणवी खाना लोक कलाकारों एवं छात्रों में आकर्षण का केन्द्र बना रहा। उत्सव में हरियाणवी खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष विशेष व्यवस्था की गई है। हरियाणा के लोक पारंपरिक व्यंजनों को रत्नावली में स्थान दिया गया है। हरियाणा के व्यंजन हरियाणवी उत्सवों का हिस्सा बनें इसी दृष्टि से युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से हरियाणवी जायका के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

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देसी थाली की व्यवस्था भी गई

युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से हरियाणवी खान-पान के लिए कसूता चूरमा, चोको चूरमा, गुड़ का हलवा, शाही टुकड़ा, पाणी पताशे, मिठी लास्सी, तडका लास्सी, गुड़ की चाय, देशी खुराक, देशी दही-भल्ले के साथ-साथ देसी थाली की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें सब्जी, रोटी, चटणी, रायता का जायका होगा।

गुड़ का हलवा छात्रों एवं कलाकारों के लिए उपलब्ध

इसके साथ ही विभाग की ओर से कोंबो थाली की व्यवस्था भी की गई है जिसके माध्यम से हरियाणवी खाणा लोक कलाकारों एवं छात्रों के आकर्षण का केन्द्र बन रहा है। धरोहर हरियाणा संग्रहालय की ओर से भी खान-पान के लिए व्यवस्था की गई है जिसमें बाकली, खीर-जलेबी खाने के लिए उपलब्ध रहेगा। इसके साथ ही युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से भी हरियाणवी खाना सभी को उपलब्ध करवाया जाएगा जिसमें मालपूड़े, गुलगुले, घी-कसार, गन्ने के रस की खीर, बाजरे की खिचड़ी, बाजरे की रोटी, हर्या साग, गुड़-शक्कर, गुड़ का हलवा छात्रों एवं कलाकारों को खाने के लिए उपलब्ध होगा।

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