कीमती है ये समां, इसे लगाता कहाँ….भजन सुन थिरकने पर मजबूर हुई साध-संगत

भजन के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने समय का सही इस्तेमाल करने का दिया संदेश

वेब डेस्क-विजय शर्मा
सरसा। संगीत की दुनियां में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Saint Dr. MSG) का कोई सानी नहीं। पूज्य गुरु जी जब गाते हैं या बजाते हैं तो साध-संगत के कदम स्वयं थिरकने लग जाते हैं। पूज्य गुरु जी के गीत के स्वर व संगीत की धुन्न जैसे ही कानों में पड़ती है ऐसा लगता है मानों इंसान की सब गम, परेशानियां और टेंशन दूर हो गई हों। पूज्य गुरु जी के अलौकिक आवाज के लोग इतने दीवानें हैं कि हर उम्र के लोग नाचने पर मजबूर हो जाते हैं। ऐसा ही नजारा उस समय देखने को मिला जब शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा, बड़ौत, बागपत (उत्तर प्रदेश) से पूज्य गुरु जी आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से पूरे विश्व में साध-संगत से रूबरू हुए। पूज्य गुरु जी ने ‘‘कीमती है ये समां, इसे लगाता कहाँ, सत्संग में आ जा, फायदा उठा जा, देखे जो सब नाशवां’’ भजन सुनाकर समस्त साध-संगत पर रूहानी बरसात की। आॅन लाइन स्क्र ीन पर पूज्य गुरु जी के नूरी स्वरूप के दर्शन और रूहानी संगीत सुन साध-संगत जमकर थिरकी। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने भजन की व्याख्या भी की और साध-संगत को समय की अहमियत के बारे बताया।

कीमती है ये समां, इसे लगाता कहाँ….
सत्संग में आ जा, फायदा उठा जा,
देखे जो सब नाशवां। कीमती है….
::::::::::::::::::
1. जन्म मुश्किल पाया है, अनमोल हीरा बताया है।
हाथ से जाएगा, वापिस न आएगा, चौरासी चक्कर लगाया है,
फिर यह हाथ में आया है। मिले यह बार बार ना। कीमती है….
::::::::::::::::::
2. पूँजी स्वासों की लाया, ठगों को माल ठगाया।
बनके व्यापारी आया, सच्चा वणज न कमाया।
तू कमाया, किस लिए आया, सौदा किया नाशवाँ। कीमती है…
::::::::::::::::::
3. करना था काम जो किया ना, प्रभु का नाम लिया ना।
कभी जलाया ज्ञान दीया ना, प्रेम का प्याला पीया ना।
मन को जो भाता है, माँस अंडा खाता है, पीता रहा शराब। कीमती है…..
::::::::::::::
4. चल संगत में आए जा, वचनों पे अमल कमाए जा।
प्रभु का नाम ध्याए जा, जीवन सफल बनाए जा।
जपले प्रभु का नाम, आए जो तेरे काम, साथी बने दो जहाँ। कीमती है…..
::::::::::::::::::
5. मन-माया ने फंसा लिया, गुलाम अपना बना लिया।
घर का काम भुला दिया, काल वगार में लगा लिया।
काल के धन्धे जो, काल के फंदे वो, माया पदार्थ फनां। कीमती है….
:::::::::::::::::::
6. समय का लाभ उठाए ना, हाथ से गया फिर आए ना।
कल पे छोड़ पछताए ना, कल किसी के हाथ आए ना।
कहें शाह सतनाम जी, जपले नाम जी, फिर न मिलेगा समां। कीमती है…॥

समय के अनुसार चलना बेहद जरूरी है: पूज्य गुरु जी

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि समय की बढ़ा कीमती है। किसी को बचपन में अहसास हो जाता है, वह बहुत ही भाग्यशाली है। कोई जवानी में अहसास कर लेता है, वो भी भाग्यशाली है। कोई अधेड़ अवस्था में एहसास कर लेता है, वो भी अच्छा है। कोई बुर्जुग अवस्था में जाकर एहसास करता है, ना से तो वो भी अच्छा है। समय एक ऐसी अनमोल वस्तु है, जो निकल गया वो वापिस आने से रहा। पूज्य गुरु जी ने कहा कि समय कभी भी किसी के लिए ना तो कभी रूका था, ना रूका है और ना ही कभी रूकेगा। यह तो चलता रहता है। टाइम एक ऐसी चीज है, अगर यह रूक गया तो सब कुछ रूक जाता है। लेकिन मनुष्य एक ऐसा जीव है, जो इस टाइम के साथ चल सकता है। चल तो और भी सकते हंै लेकिन उन्हें इतनी अकल ही नहीं है कि वो समय के मुताबिक चल सकें। समय के अनुसार चलना बेहद जरूरी है।

पूज्य बेपरवाह जी के एक-एक शब्द में ग्रंथ भर सकते हैं हम

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ‘‘कीमती है ये समां, इसे लगाता कहाँ, सत्संग में आ जा, फायदा उठा जा, देखे जो सब नाशवां’’ इतने में ही सब कुछ आ गया। पूज्य बेपरवाह जी के एक-एक शब्द में ग्रंथ भर सकते हैं हम। मानने के लिए आपको कुछ ही चीजें बताई हैं। इसलिए समय की कीमत को आप समझीये।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।