पूज्य गुरु जी के रूहानी रंग में रंगी प्रागपुर की धरा

Saint Dr MSG
  • आनलाइन गुरूकुल के माध्यम से डॉ. एमएसजी ने अनमोल वचनों से संगत को किया निहाल
  • बड़ी तदात में लोगों ने छोड़ा नशा व बुराईयां, मानवता सेवा का लिया संकल्प

प्रागपुर/कांगड़ा (एमके शायना)। रविवार को छोटी दीपावली का पर्व देश-विदेश की साध-संगत ने आनलाइन गुरुकुल के माध्यम (Saint Dr MSG) पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के साथ मनाया। उत्तर प्रदेश के जिला बागपत स्थित शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा से पूज्य गुरु जी आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से साध-संगत से रूबरू हुए और साध-संगत को अपना पावन आशीर्वाद देते हुए हमारे तीज-त्योहारों को पाक साफ और स्वच्छ तरीके से मनाने के बारे में आह्वान किया। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के परागपुर (नक्की), हरियाणा के जींद, पंजाब के बठिंडा, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, राजस्थान के कोटा, दिल्ली के कंझावला आदि स्थानों पर लाखों लोगों को नशा व अन्य सामाजिक बुराइया छुड़वाने का प्रण कराया गया और उन्हें गुरुमंत्र दिया गया।

पूज्य गुरू जी ने अमृतमयी वचनों की वर्षा करते हुए आमजन को जीवन की हकीकत से रूबरू करवाया। इस अवसर पर पूज्य गुरू जी ने सत्संग के महत्व पर प्रकाश डाला। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि यह त्योहार के दिन बड़ी खुशियां व उमंग लेकर आते हंै। लेकिन इन्सान इनके मतलब को नहीं समझ पाता। दीपवाली का शब्द दीपा अवली से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ दीपों की अवली अर्थात दीयों की कतार या पंक्ति से है। दीवाली हर कोई मनाता है, लेकिन हमने देखा है कि रामजी के पदचिन्हों पर चलने वालों की कमी है और रावण सबके अंदर जागा हुआ है। दीपावली में रोशनी जगाई जाती है और यह सबको पता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत का वो दिन जब रामजी अयोध्या वापिस आए थे, घर-घर दिये जले,खुशी मनाई गई। तो उसी त्यौहार को दीपावली के रूप में मनाया जाता है।

पूज्य गुरू जी ने सभी जिम्मेवार भाई बहनों से फरमाया कि हमारे जीवन का एक ही उद्देश्य है नशे को जड़ से खत्म करना, मानवता की सेवा करना ताकि समाज में सभी लोग सुखमय जीवन जीते हुए मालिक की खुशियों को प्राप्त करें इसलिए ज्यादा से ज्यादा जीवों को राम नाम से जोड़ना चाहिए। परागपुर में पंडाल को विशेष रूप से सजाया गया था। सेवादार पिछले दो दिनों से तैयारियों में लगे हुए थे। साध-संगत के बैठने के लिए जो पंडाल तैयार किया गया था वह साध-संगत के प्रेम से आगे से छोटा हो गया। सत्संग पंडाल की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर केवल वाहन ही नजर आए।

 

पूज्य गुरु जी जैसे ही आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से लाइव हुए, साध संगत का उत्साह देखते ही बन रहा था। बहनों ने पारंपरिक वेशभूषा में सज धज के सिर पर जागों के साथ नृत्य किया और मंच को खूबसूरती से सजाया गया। इसके अलावा सत्संग पंडाल को दुल्हन की तरह सजाया गया। पूज्य गुरु जी ने साध-संगत और समाज के प्रतिनिधियों को नशा के खिलाफ जोरदार अभियान चलाने के लिए आमंत्रित किया। गुरु जी ने सभी को हर धर्म का सम्मान करना सिखाया। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने भी साध संगत को दीपावली की बधाई दी।

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