कोरोनाकाल : लोकसभा में तनख़्वाह घटी तो पंजाब विधानसभा में कई सांसदों ने की भरपाई

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लागू हो सकती है ओल्ड पेंशन स्कीम?

कई लोक और राज्य सभा से तनख़्वाह लेने वाले सांसद पंजाब विधान सभा के हैं पैंशनर

सच कहूँ/अश्वनी चावला
चंडीगढ़। कोरोना काल दौरान पिछले साल लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों की तनख़्वाह में केंद्र सरकार की ओर से की गई 30 हजार रुपए तक की कटौती पंजाब सरकार के सरकारी खजाने पर भारी पड़ गई है, क्योंकि इस तनख़्वाह कटौती का सारा बोझ कुछ लोकसभा और राज्य सभा सदस्यों ने पंजाब विधानसभा पर डालते हुए पैंशन के तौर पर रिकवरी कर ली है। लोकसभा और राज्यसभा में बैठे पंजाब के कुछ मैंबर पंजाब विधानसभा में विधायक रहे हैं, जिस कारण वह लोकसभा और राज्यसभा से तनख़्वाह लेने के साथ-साथ पंजाब विधानसभा से पैंशन भी ले रहे हैं, जिस कारण पंजाब के कुछ लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों पर कोरोना काल दौरान हुई तनख़्वाह कटौती का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा और उनके जेब में बिना किसी घाटे के ही पैसा आता रहा है।

जानकारी के अनुसार पंजाब विधानसभा के नियमों अनुसार जो भी विधायक एक बार या एक से अधिक कई बार मैंबर रह चुका होता है। उस पूर्व विधायक को उसकी मैंबरशिप की ट्रम के अनुसार पैंशन दी जाती है। यहीं जो पूर्व विधायक लोकसभा या फिर राज्यसभा में बतौर सांसद मैंबर चला जाता है तो उस लोकसभा या फिर राज्यसभा मैंबर को फिर भी पैंशन दी जाती है परन्तु विधानसभा की ओर से पैंशन और तनख़्वाह में आने वाले फर्क की ही अदायगी की जाती है।

लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को बेसिक तनख़्वाह के तौर पर 1लाख रुपए की अदायगी की जाती है। जो विधायक 2 बार विधानसभा के मैंबर रह चुके हैं, उनकी पैंशन 1 लाख 25 हजार रूपये बनती है। इस हिसाब से उनकी 1 लाख के बाद वाले अंतर की रकम 25 हजार रुपए पैंशन के रूप में दिए जाते हैं। बीते साल 30 प्रतिशत तनख़्वाह में कटौती करते हुए लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों की तनख़्वाह एक साल के लिए 70 हजार रुपए कर दी गई। इस दौरान देशभर के सभी लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को 30 हजार रुपए कम बैंक में आए परन्तु पंजाब के कुछ लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों ने इस 30 हजार रुपए की कटौती को भी विधानसभा से ले लिया।

जिन संसद सदस्यों को पहले 25 हजार रुपए पैंशन मिलती थी तो उनकी पैंशन में कटौती के 30 हजार रुपए मिलाकर पैंशन 55 हजार रुपए मिलनी शुरू हो गई। यहां कुछ संसद मैंबर ऐसे भी हैं, जिनकी पैंशन 3 टर्म की होने के कारण 1लाख 75 हजार रुपए बनती थी और तनख़्वाह कटौती करते हुए पैंशन के रूप में 75 हजार रुपए मिलते थे परन्तु पिछले साल उनको कटौती वाले 30 हजार रुपए मिला कर 1लाख 5हजार रुपए पैंशन मिली है।

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