घग्घर में आए पानी से कर सकेंगे रबी फसलों की बुवाई

 गुल्ला चिक्का पर घटी आवक, नाली बेड में चार हजार क्यूसेक पानी प्रवाहित

हनुमानगढ़। (सच कहूँ न्यूज़) घग्घर नदी में लगातार प्रवाहित हो रहे पानी के कारण घग्घर के आसपास के क्षेत्र का भूजल स्तर बढऩे की उम्मीद के बीच किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। इसके साथ ही रबी फसलों की बुवाई हो सकेगी। नाली बेड में गुरुवार को चार हजार क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा था। हालांकि बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को गुल्ला चिक्का हैड पर प्रवाहित पानी करीब साढ़े तीन हजार क्यूसेक कम हुआ। गुरुवार को गुल्ला चिक्का हैड पर 39325 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। इसी तरह खनौरी हैड पर 11500, चांदपुर हैड 10500, ओटू हैड पर 7200, घग्घर साइफन में 6650, नाली बेड में 4000, आरडी 42 जीडीसी में 2700 क्यूसेक, आरडी 133 जीडीसी में 900, एसओजी ब्रांच में 1780 व आरडी 158 जीडीसी में 800 क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा था। घग्घर नदी में पानी की आवक में बढ़ोतरी के कारण टाउन के नजदीक माता भद्रकाली मंदिर के पास बना काजवे गुरुवार को लगातार तीसरे दिन बंद रहा। पानी काजवे के ऊपर से गुजर रहा है। मौके पर टाउन थाना के पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।

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काजवे के दोनों तरफ अवरोधक लगाकर रास्ता बंद किया गया है। उल्लेखनीय है कि 26 सितम्बर को हरियाणा के ओटू हैड से राजस्थान क्षेत्र के लिए पानी प्रवाहित करने के बाद उसी दिन शाम पांच बजे घग्घर नदी का पानी टाउन के नजदीक माता भद्रकाली मंदिर को पार कर गया था। घग्घर के नाली बेड में 4000 क्यूसेक पानी प्रवाहित करने के बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। अधिकारियों की मानें तो पानी आने से घग्घर के आसपास के क्षेत्र का भूजल स्तर बढ़ेगा। इससे आगामी रबी सीजन में किसान ट्यूबवैल चलाकर खेतों को सिंचित कर सकेंगे।

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