Earthquake: भूकंप के जोरदार झटके, तीव्रता 6.1, दिल्ली एनसीआर की धरती हिली

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Earthquake: गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में हिली धरती

Earthquake: भारत और नेपाल सीमा पर भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए है। भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई है। भूकंप के ये झटके रविवार सुबह महसूस किए गए। वहीं नेपाल के राष्टÑीय भूकंप विज्ञान केन्द्र ने कहा कि रविवार को नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें कहा गया है कि भूकंप का केन्द्र काठमांडू से लगभग 55 कि.मी. पश्चिम में धाडिंग में था। वहां के लोगों ने मीडिया को बताया कि हमने बहुत तेज झटके महसूस किए और कुछ निवासी अपने घरों से बाहर निकल आये।

दिल्ली में भूकंप के झटके

फिलहाल अब तक किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप 13 किमी (8.1 मील) की गहराई पर था। ये भूकंप के झटके बागमती और गंडकी प्रांत के अन्य जिलों में भी महसूस किए गए। और साथ ही भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी महसूस किये गये हैं।

पहले भी आ चुके हैं दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके

गौरतलब हैं कि एक हफ्ते पहले दिल्ली में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। देश की राजधानी दिल्ली के साथ ही नोएडा और गाजियाबाद में भी धरती हिली थी। उधर, हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता इतनी जोरदार थी कि लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए थे।

भूकंप के दौरान ऐसा करने से बचें | Earthquake

  • भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
  • बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
  • कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं।
  • अगर गाड़ी या कोई भी वाहन चला रहे हो तो उसे फौरन रोक दें।
  • वाहन चला रहे हैं तो पुल से दूर सड़क के किनारे गाड़ी रोक लें।
  • भूकंप आने पर तुरंत सुरक्षित और खुले मैदान में जाएं।
  • भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे आदि ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं।

क्या होता है रिक्टर स्केल | Earthquake

भूकंप के समय भूमि में हुई कंपन को रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड कहा जाता है। रिक्टर स्केल का पूरा नाम रिक्टर परिणाम परीक्षण ( रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल ) है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी ज्यादा होती है, भूमि में उतना ही अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता बढ़ती है नुकसान भी ज्यादा होता है। जैसे रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा नुकसान करेगा। वहीं 3 या 4 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होगा।

भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्‍या हो सकता है असर | Earthquake

  • 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
  • 2 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सिर्फ हल्की कंपन होती है।
  • 3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप के दैरान ऐसा लगता की कोई ट्रक आपके बगल से गुजरा हो।
  • 4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां तोड़ सकता हैं।
  • 5 से 5.9 की तीव्रता पर घर का सामान हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों की नींव में दरार आ सकती है।
  • 7 से 7.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों को गिरा सकता है।
  • 8 से 8.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
  • 9 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप पूरी तरह से तबाही मचा सकते हैं।
  • अगर समंदर नजदीक हो तो सुनामी भी आ सकती है।