Farmer Suicide in Anupgarh: मुकदमा दर्ज नहीं करने पर रेल से कटा किसान! बवाल-प्रदर्शन

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कृषि भूमि खरीद में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज नहीं करने पर रेल से कटा किसान! बवाल-प्रदर्शन

Farmer Suicide in Anupgarh: श्रीगंगानगर (सच कहूँ/लखजीत)। अनूपगढ़ जिले में एक किसान ने कृषि भूमि की खरीद में कुछ शातिर लोगों द्वारा धोखाधड़ी करने और पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं करने पर रेलगाड़ी से कटकर आत्महत्या कर ली। इस घटना को लेकर आज बड़ी संख्या में लोगों ने रायसिंहनगर में पुलिस थाना का घेराव किया। किसान को करने के लिए मजबूर करने वाले शातिर व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। Sri Ganganagar News

एसपी और थाना प्रभारी को दिए थे मृतक ने प्रार्थना पत्र | Sri Ganganagar News

मृतक किसान की डेड बॉडी श्रीविजयनगर के सरकारी अस्पताल के मुर्दा घर में रखी हुई है। आज देर शाम तक लाश का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था। किसान को करने के लिए मजबूर करने के आरोपियों के खिलाफ आज देर शाम को रामसिंहपुर थाना मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस घटना को लेकर मृतक के परिवारजनों तथा ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने मृतक किसान द्वारा दी गई रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर लेती तो वह खुदकुशी नहीं करता। Sri Ganganagar News

प्राप्त जानकारी के अनुसार कल शाम को सूरतगढ़-अनूपगढ़ रेल सेक्शन पर रामसिंहपुर के समीप एक व्यक्ति ने रेलगाड़ी के आगे पटरी पर गर्दन रख कर खुदकुशी कर ली। उसकी गर्दन धड़ से अलग हो गई। मृतक की पहचान देशराज बावरी निवासी 17-एसएडी तहसील रायसिंहनगर, जिला अनूपगढ़ के रूप में हुई।सूचना मिलने पर रामसिंहपुर थाना पुलिस और जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची।

घटनास्थल को लेकर दोनों थानों की पुलिस में लगभग 3 घंटे तक विवाद चला रहा। बाद में इस घटना को लेकर रामसिंहपुर थाना पुलिस ने कार्यवाही की। लाश को श्रीविजयनगर के सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में सुरक्षित रखवा दिया गया। घटना को लेकर आज बड़ी संख्या में लोगों ने इकट्ठे होकर रायसिंहनगर में पुलिस थाने का घेराव तथा प्रदर्शन किया। तब देशराज द्वारा खुदकुशी करने के कारण का पता चला। मौके पर पुलिस को देशराज द्वारा लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला।

प्रदर्शनकारियों के अनुसार देशराज ने 17 अक्टूबर को 33 लाख 25 हजार रुपए में कृषि भूमि खरीदी थी। उसे नहरी भूमि दिखाई गई जबकि बारानी भूमि बेच दी गई। देशराज को अगले ही दिन 18 अक्टूबर को धोखाधड़ी होने का पता चला तो रायसिंहनगर थाना में प्रार्थना पत्र दिया। उसे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।अगले दिन 19 अक्टूबर को अनूपगढ़ में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। इस पर भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उसने शाम को सुसाइड नोट लिखकर खुदकुशी कर ली।

इस मामले को लेकर हंगामा तथा प्रदर्शन होने पर रामसिंहपुर थाना में धारा 306 के तहत 5-6 व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की जानकारी मिली है। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ग्रामीण तथा परिवारजन पोस्टमार्टम न करवाने पर अड गए, जिसके चलते आज देर शाम तक पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया। जानकारी के मुताबिक इस सारे घटनाक्रम की जांच रायसिंहनगर के थाना प्रभारी महावीर प्रसाद बिश्नोई करेंगे।

नहरी जमीन दिखाकर बेची बंजर भूमि | Sri Ganganagar News

मृतक देशराज बावरी ने जमीन खरीद में हुई धोखाधड़ी के रायसिंहनगर थाना और पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थना पत्र में पूरे मामले का विस्तार से खुलासा किया है। देशराज के अनुसार वह कृषि भूमि खरीदना चाहता था। बाजूवाला के पास ढाणी में रहने वाले बीरबलराम, चक 6- एनजैपीडी के सुल्तानराम मेघवाल, चक 6-जेकेएम के विजयपाल, जेतसर के पास रहने वाले बॉक्सर तथा अमरजीतसिंह मानेवाला नामक दलालों से वह मिला। उन्होंने उसे चक 11-एसएडी में भूमि दिखाई और बताया कि यह जमीन बलबीरकौर बाजीगर निवासी मानेवाला,तहसील सूरतगढ़ की है।

वही इस जमीन पर कब्जा काश्त है। देशराज के अनुसार उसने अपने धर्म भाई बलराज के साथ एक-दो बार जाकर जमीन को देखा। जमीन पसंद आने पर खरीदने का करार कर लिया। विगत 17 अक्टूबर को रजिस्ट्री करवाने के लिए रायसिंहनगर में सब रजिस्ट्रार के यहां अप्लाई कर दिया गया। उसने अपने और अपने बेटों अमरजीत व हेमंत के नाम से 17 अक्टूबर को 33 लाख 25 हजार रुपए में रजिस्ट्री करवा ली।उसी दिन ही इंतकाल दर्ज करने के लिए पटवारी को अप्लाई कर दिया। देशराज के अनुसार अगले दिन वह जमीन देखने गया तो वहां कुछ लोग काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मुरब्बा नंबर 4 की यह जमीन उनकी है। Anupgarh News

उसने जो जमीन खरीदी है,वह मुरब्बा नंबर 3 की है, जो की चक 18-एसएडी में आती है। दोनों जमीनी साथ-साथ हैं। देशराज ने प्रार्थना पत्र में बताया कि यह पता चलने पर उसने रजिस्ट्री के समय नगद दिए 13 लाख 95000 उक्त लोगों से वापस मांगे।साथ ही बाकी रकम के भुगतान के लिए दिए हुए चार चेक कैश होने से बैंक में फोन करके रुकवा दिया। यह राशि ट्रांसफर करवाली। साथ ही 5 लाख रुपए जो इकरारनामा खरीदशुदा भूमि पर केसीसी करवा कर 8 जनवरी 24 को लौटने थे,वह भी बलवीर कौर, उसके पति जीतसिंह तथा उक्त लोगों से वापस मांगे। देशराज के अनुसार उसे इन लोगों ने नहरी भूमि दिखाकर बंजर भूमि बेच दी। उससे नगद लिए 13 लाख 95 हजार रुपए वापस करने से इनकार कर दिया। उसने बताया कि उसे जो बंजर जमीन बेची गई, उसकी कीमत 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं है।

सुसाइड नोट लिखा सारा हिसाब किताब | Sri Ganganagar News

देशराज ने सुसाइड नोट में पूरा हिसाब किताब लिखा है। उसने सुसाइड की शुरुआत नोट पत्र लिखकर की है।नोट पत्र के दोनों तरफ स्वास्तिक चिन्ह भी बना है।तत्पश्चात लिखा- मेरे सहपरिवार सदस्यों मेरा किसी भी प्रकार का पीछा ना करें अथवा ना ही मिलने वाला हूं। जिसका मुझे मेरे परिवार के एक भी सदस्य से मुझे को आपत्ति नहीं। मैं मेरा काम अपनी मर्जी से कर रहा हूं और शंकरलाल 4-एनजैडपीडी से 1लाख 10000 बकाया के लेने हैं। 1लाख 30000 रुपए रामस्वरूप पुत्र रामाराम निवासी चक 33-एच से लेने हैं और बलराज भाई ने जो काम गलत किया है वह पूरा नहीं किया तो वह बलराज आप खुद जिम्मेवार होगा ताकि आगे से किसी भी प्रकार का काम गलत करने का अंजाम क्या होता है।

बलराज की जमीन के बारे में जो जमीन 11-एसएडी की दिखाई गई और रजिस्ट्री चक 3-आईएसडब्ल्यू की कार्रवाई, उसका 15 लाख 50 हजार रुपए बलराज अगली पार्टी से लेकर दे या खुद 15 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान करें क्योंकि मैं बलराज को पूरा सोच समझकर सौदा करना, वरना कहीं यह महंगा न पड़े की। इसकी कीमत आपको चुकानी पड़ेगी।आज दिनांक 2010 को मैंने मेरे खाते में से अपनी पत्नी को 12 लाख 45 हजार रुपए देवली देवी के खाते में डाल दिए हैं। आरएमजीबी बैंक में 1000 हजार रुपए बाकी हैं। पीएनबी बैंक में 1700 की कुछ बाकी है और 65000 आरएमजीबी से निकलवा कर इस थैले में डाल दिए हैं।मैं बिना किसी नशे पत्ते के होश हवास में अपने बयान लिख रहा हूं।

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