…जब सांसद आवास से सामान समेट अपने गांव पहुंच गए थे गुरदयाल सैनी

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कुरुक्षेत्र। पूर्व सांसद गुरदयाल सैनी।

कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। Kurukshetra News: राजनीति के मायने समय और परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहते हैं। लेकिन कई लोग राजनीति में इतनी गहरी छाप छोड़ देते हैं कि दशकों बाद भी उनके किस्से याद रहते हैं। ऐसी ही ईमानदार राजनीति के लिए पूर्व सांसद गुरदयाल सैनी भी जाने जाते रहे हैं। 1987 में थानेसर से विधायक व 1989 में कुरुक्षेत्र से सांसद बने गुरदयाल सैनी ईमानदारी के लिए तो जाने जाते हैं साथ ही अपने धाकड़ तरीके के लिए भी जाने जाते हैं। Kurukshetra News

चौ. देवीलाल की चुनावी पाठशाला के विद्यार्थी रहे गुरदयाल सिंह सैनी ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत गांव के सरपंच बनने से की। 1971 में गुरदयाल सैनी अपने गांव कैंथला खुर्द के सरपंच बने। नेक काम करने व अच्छी छवि के चलते गुरदयाल सैनी लगातार तीन बार गांव के सरपंच बने। 1987 में चौ. देवीलाल के नेतृत्व में लोकदल पार्टी ने गुरदयाल सैनी को अपनी उम्मीदवार घोषित किया। इस वक्त गुरदयाल सैनी अपनी ईमानदारी के बल पर थानेसर के विधायक चुने गए। 1989 में लोकदल जनता दल में शामिल हो गई। Kurukshetra News

इस वक्त जनता दल ने गुरदयाल सैनी को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव मैदान मे उतारा गया, जिसमें वे विजयी रहे। लोकसभा में जीत दर्ज करने के बाद उन्होने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इस वक्त वे 11 माह तक सांसद रहे। जिस वक्त गुरदयाल सैनी सांसद बने उस वक्त कुरुक्षेत्र बीएसएनएल एक्सचेंज इलैक्ट्रिक नही थी। गुरदयाल सैनी बेशक इस दौरान मात्र 11 माह के लिए सांसद रहे, लेकिन उन्होने इस समय में बीएसएनएल एक्सचेंज को इलैक्ट्रिक करवाया।

जिस पार्टी के खिलाफ चुनाव जीता, उस पार्टी का साथ कैसे दे सकता हूँ

1989 में सांसद चुने जाने के बाद गुरदयाल सैनी ने 1990 में लोकसभा से सिर्फ इसलिए इस्तीफा दे दिया था कि चंद्रशेखर ने कांग्रेस के समर्थन में सरकार बना ली थी। चंद्रशेखर की सरकार बनते ही गुरदयाल सैनी लोकसभा स्पीकर रविराय के घर पहुंचे और अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस पर रविराय ने भी गुरदयाल सैनी को इस्तीफा न देने की बात कही, लेकिन इस पर गुरदयाल सैनी बोले कि जिस जनता ने उसे कांग्रेस के खिलाफ लोकसभा में भेजा, आज मै कैसे कांग्रेस समर्थित सरकार में सांसद बना रह सकता हूँ, इस कार्य के लिए मेरा दिल इजाजत नही देता।

इस पर स्पीकर रविराय खड़े हो गए व गुरदयाल से हाथ मिलाते हुए बोले कि यह काम एक आम आदमी ही कर सकता है। इस्तीफे की बात को गुरदयाल सैनी ने ज्यादा उजागर भी नही किया और सांसद आवास से अपना सामान समेट कर कैंथला गांव में पहुंच गए। वाकई ऐसे समय में सांसद की फित्ती छोड़ देना कोई छोटी बात नही थी।

सच्चे आदमी हो सच्ची बात करोगे | Kurukshetra News

हरियाणा में 1996 में हरियाणा विकास पार्टी व भाजपा के गठबंधन से सरकार बन गई, चौ. बंसीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। इस वक्त गुरदयाल सैनी भाजपा में थे। 1998 में भाजपा ने हरियाणा विकास पार्टी से समर्र्थन वापिस ले लिया। इस वक्त हरियाणा भाजपा के प्रभारी नरेंद्र मोदी थे। समर्थन वापिस लेने सेे पहले जब गुरदयाल सैनी से गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होने बोलने से पहले कहा कि मै लठपार्टी से आया हूं और लठमार ही बात करूंगा। गुरदयाल सैनी की इस सीधी-सीधी बात से नरेंद्र मोदी भी मुस्कुरा दिए और बोले कि मुझे पता है सच्चे आदमी हो सच्ची ही बात करोगे। Kurukshetra News

आज की राजनीति व पुरानी राजनीति में फर्क

पूर्व सांसद गुरदयाल सैनी का कहना है कि पुरानी राजनीति व आज की राजनीति में काफी फर्क आ गया है। पहले जहां पार्टी उम्मीदवार को उसकी छवि देखकर ही टिकट देती थी। वहीं उम्मीदवार का पार्टी के प्रति सेवाभाव भी देखा जाता था, लेकिन आज की राजनीति बिल्कुल बदल गई है। आज राजनीति आम आदमी के लिए नही रह गई।

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