ट्री गार्ड ही बने पेड़ों के लिए दुश्मन, विभाग नए ट्री गार्डों के लिए करता है हर साल लाखों खर्च

Tree guards sachkahoon

सच कहूँ/सुभाष, ऐलनाबाद। पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग पौधे लगाता और उनकी रक्षा के लिए ट्री गार्ड (Tree Guards) लगाता है, लेकिन पौधों के पेड़ बनने के बाद इन ट्री गार्ड को हटाया नहीं जाता है। कई जगह ये ट्री गार्ड पेड़ों में खंजर की तरह घूस रहे हैं, लेकिन वन विभाग इनको हटाने के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा है। विभाग द्वारा हर वर्ष नए ट्री गार्ड बनाए जाते हैं जिस कारण आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।

ऐलनाबाद की बाईपास सरसा रोड ,रेलवे रोड, तलवाड़ा रोड, डबवाली रोड, हनुमानगढ़ रोड की अगर बात करें तो कई वर्ष पहले यहां पर पौधरोपण हुआ था और अब भी हो रहा है। इन पौधों की सुरक्षा को इनके चारों और लोहे की जाली के ट्री गार्ड लगाए गए थे। वन अधिकारी इन पेड़ों पर ट्री गार्ड लगाकर भूल गए। ये पौधे आज पूरे वृक्ष बन गए, लेकिन ये ट्री गार्ड नहीं हटाए गए। इन मार्गों पर सैकड़ों की तादाद में पेड़ों के चारों ओर आज भी ट्री गार्ड लगे हैं।

अब तो आलम यह है कि कई जगह ये ट्री गार्ड (Tree Guards) पेड़ों के तनों में खंजर की तरह घुसकर उनको नुक्सान पहुंचा रहे हैं। ऐेसा नहीं कि वन अधिकारी यहां से नहीं गुजरते। इसी मार्ग से होकर प्रशासनिक अधिकारी रोज आते-जाते हैं किंतु किसी का ध्यान इस ओर नहीं है।

पशुओं से रक्षा के लिए लगाए जाते है

अमूमन पौधों को पशुओं से बचाने के लिए पर ट्री गार्ड लगाए जाते हैं लेकिन पौधों पर ट्री गार्ड की जरुरत उस समय तक ही होती है, जब तक उन्हें पशुओं से क्षति पंहुचाने का खतरा रहता है। इस खतरे की सीमा के निकल जाने के बाद विभाग द्वारा इन्हें हटा दिया जाना चाहिए। इन्हें हटाकर नए लगने वाले पौधों पर लगाया जा सकता है। इससे सरकारी व्यय भी घटेगा।

क्या कहना था वन राजिक अधिकारी महेंद्र सिंह जांदू का

इसके बारे में जब वन राजिक अधिकारी महेंद्र सिंह जांदू से बात की गई तब उन्होंने बताया कि शहर में ट्रैक्टर ट्राली वालों से पेड़ों को खतरा बना रहता है इसलिए ट्री गार्ड (Tree Guards) लगाएं जाते है। अगर कहीं बड़े पेड़ों पर ट्री गार्ड लगें हुए हैं तो उनको उतरवा दिया जाएगा,लेकिन हम नए ट्री गार्ड नहीं बनवा रहे है।

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