चमत्कार नहीं तो और क्या, 260 घंटे बाद, बच्चे को जिंदा निकाला

अंकारा (एजेंसी)। तुर्की के हटे प्रांत में विनाशकारी भूकंप के करीब 260 घंटे बाद, बचावकर्मियों ने 12 साल के एक बच्चे को मलबे के नीचे से जिंदा निकाला है। स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। तुर्की के अनादोलू समाचार एजेंसी के अनुसार, एक बच्चे को हटे प्रांत की राजधानी अंताक्या शहर में क्षतिग्रस्त मलबे से जिंदा निकाल लिया गया है। गौरतलब है कि तुर्की-सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में हजारों घर क्षतिग्रस्तर हो गए और अब तक करीब 38,044 लोगों की मौत हो चुकी है।

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तुर्की भूपंक: दशकों पुरानी रिहायशी इमारतों के धाराशायी होने पर उठे गंभीर सवाल

तुर्की में हाल ही में आये विनाशकारी भूकंप की चपेट में आकर गाजियंनटेप शहर में स्थित 24 साल पुराने रिहायशी अमार्टमेंट कॉम्पलेक्स की कुछ इमारतें धराशायी हो गयीं और उनमें रहने वाले लगभग 130 से अधिक लोग मारे गये। इस कॉम्पलेक्स में सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल उठ रहे हैं और लोग इन इमारतों को लेकर दिखायी गयी गंभीर लापरवाही को इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं।

इस मामले में उठ रहे सवालों के बीच बीबीसी की टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और लोगों से बात करके स्थिति जानने का प्रयास किया। बीबीसी के अनुसार इस अपार्टमेंट कॉम्पलेक्स में सुरक्षा खामियों को लेकर विनाशकारी भूकंप से एक सप्ताह पहले भी यहां रहने वालों ने विरोध जताया था। यहां रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि भूकंप की तीव्रता में इमारतों के धाराशायी होने के बाद से उसके परिजनों को पिछले नौ दिन और रातों से कोई अता पता नहीं है। एक संगीतकार यूनुस इमरे ने कहा ‘ यह इलाका गाजियनटेप के सबसे आलीशान रिहायशी इलाकों में से एक है।

यहां अमीर लोग रहते हैं और इस अपार्टमेंट में बने फ्लैट लाखों की कीमत में बेचे गये हैं लेकिन भूकंप के बाद अब इस संपत्ति की क्या कीमत रह गयी है। उन्होंने कहा मैं चाहता हूं कि किसी को इस गंभीर लापरवाही के लिए सजा मिले लेकिन मैं नहीं जानता कि किसे। इस पूरे मामले में इतने लोग दोषी हैं। यह एक राष्ट्रीय त्रासदी है क्योंकि इतनी अधिक इमारतें जमींदोज हुईं हैं।

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