शहीद दिवस पर भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु को किया याद

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शहीद दिवस पर भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु को किया याद

भगतसिंह के विचारों पर आगे बढऩे का दिया संदेश | Hanumangarh News

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। स्वतंत्रता के नायक भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु का बलिदान दिवस शनिवार को शहीद दिवस के रूप में मनाया गया। शहीद दिवस के मौके पर वामपंथी संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी, सीटू और भारत की जनवादी नौजवान सभा के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को जंक्शन के शहीद भगतसिंह चौक पर आयोजित कार्यक्रम में शहीदों को नमन किया। कार्यकर्ताओं ने शहीद भगतसिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर बहादुर सिंह चौहान ने कहा कि आजादी के दीवानों के इस बलिदान को हम कभी भूल नहीं सकते। स्वतंत्रता के नायकों ने अपने प्राणों का उत्सर्ग कर देशवासियों में वैचारिक क्रांतिकारी शंखनाद किया ताकि देश आजाद हो सके और भारतवासी एक स्वतंत्र और सम्मानजनक जीवन जी सकें। उन्होंने कहा कि भगतसिंह किसी व्यक्ति का नाम नहीं है। भगतसिंह एक विचारधारा है। एक ऐसी विचारधारा जो देश ही नहीं पूरी दुनिया की मुक्ति का रास्ता दिखाती है। यह विचारधारा साम्राज्यवादी व साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ है। Hanumangarh News

वे चाहते हैं कि हिन्दुस्तान में मेहनतकश आवाम, किसान, मजदूर का राज आए

उन्होंने बताया कि आज ही के दिन भारत के वीर सपूत शहीद भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए थे। उनकी शहादत आज पूरा देश याद कर रहा है। देश की आजादी को समर्पित इन अमर हुतात्माओं के बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं पाएगा और राष्ट्र सेवा के लिए सदैव प्रेरित रहेगा। शेरसिंह शाक्य ने कहा कि शहीद भगतसिंह के जो विचार थे वह आज हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके विचार आज भी लोगों के बीच जिंदा है। शहीद भगतसिंह कहा करते थे कि गोरे अंग्रेज चले जाएं और काले अंग्रेज हिन्दुस्तान पर राज करें, वे ऐसा नहीं चाहते।

वे चाहते हैं कि हिन्दुस्तान में मेहनतकश आवाम, किसान, मजदूर का राज आए। लेकिन आज हालात यह हैं कि 80 प्रतिशत लोगों के पास जितनी सम्पदा है उतनी सम्पदा 20 प्रतिशत लोगों के पास है। भाजपा साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है। देश की जनता को इस बात को समझकर भगतसिंह के विचारों पर आगे बढऩा चाहिए। इसके लिए संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। Hanumangarh News

भारत माता के अमर सपूतों को किया नमन | Hanumangarh News

हनुमानगढ़। अपेक्स क्लब महिला विंग की ओर से भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर शनिवार को जंक्शन के शहीद भगतसिंह चौक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नगर परिषद सभापति सुमित रणवां, डॉ. पारस जैन, डॉ. एमपी शर्मा, डॉ. प्रदीप सहारण सहित क्लब सदस्यों ने शहीद भगतसिंह की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सभापति सुमित रणवां ने कहा कि आज का दिन शहीदों के बलिदान को याद कर उन्हें नमन करने का दिन है। क्योंकि 23 मार्च के दिन ही तीन महान देशभक्तों भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी।

यह तीनों आजादी के गीत गाते हुए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। इनका शौर्य और मातृभूमि की आजादी के प्रति साहस सभी युवाओं को आज भी प्रेरणा देता है। देश की आजादी की लड़ाई में इन महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। डॉ. एमपी शर्मा ने कहा कि भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को भारत हमेशा याद रखेगा। ये महान लोग हैं जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय योगदान दिया। देश उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा। Hanumangarh News

हम सभी को शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए कड़े प्रयास करने होंगे। अपेक्स क्लब महिला विंग अध्यक्ष अनुराधा सहारण ने कहा कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद भगतसिंह, राजगुुरु और सुखदेव को देश कभी नहीं भूल सकता। तीनों शहीद देश के नौजवानों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। इस मौके पर अधिवक्ता मनजिन्द्र सिंह लेघा सहित कई अन्य गणमान्य नागरिक व क्लब सदस्य मौजूद रहे।

गांव मक्कासर स्थित शहीद भगतसिंह चौक पर हुआ कार्यक्रम

हनुमानगढ़। शहीद दिवस के मौके पर शनिवार को जिला मुख्यालय के निकटवर्ती गांव मक्कासर स्थित शहीद भगतसिंह चौक पर कार्यक्रम हुआ। इस दौरान मौजूद ग्राम पंचायत सरपंच बलदेव सिंह सहित ग्रामीणों ने शहीद भगतसिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी। सरपंच बलदेव सिंह ने कहा कि 23 मार्च 1931 को तीनों शहीद भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु को फांसी की सजा दी गई थी। आज का दिन भारतवासियों को याद दिलाता है कि युवाओं ने कैसे देश के लिए कुर्बानी दी। Hanumangarh News

आज हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा करनी चाहिए। सरपंच बलदेव सिंह ने कहा कि आज लोकतंत्र में जब कोई अपनी मांगों के लिए आंदोलन करता है तो उसके रास्ते में कीलें लगा दी जाती हैं और दीवार निकाल दी जाती है। आम जनता की सुनवाई नहीं हो रही। अंग्रेजों से भी बढक़र दमन आज की सरकारें कर रही हैं। ऐसे समय में आज के दिन युवाओं को संकल्प लेना चाहिए कि वे शहीद भगतसिंह के बताए हुए रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।

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