Biparjoy Updates: तबाही का ‘महासैलाब’, सोचने से भी कांपेगी रूह!

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Biparjoy Updates तबाही का महासैलाब, सोचने से भी कांपेगी रूह!

जानिये गुजरात तट के कितना करीब आ चुका है

कच्छ। Biparjoy Live Tracker: बिपरजॉय चक्रवती तूफान आज सांय तक जखाऊ पोर्ट के पास तट से टकराएगा। मौसम विभाग के अनुसार अभी ये गुजरात के तट से लगभग 200 कि.मी. दूर है। केंद्रीय एजेंसियों एनडीआरएफ, सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के साथ संपर्क और समन्वय बनाकर रखा गया है। Cyclone Biparjoy

बिजली के खंभों के गिरने की स्थिति में मरम्मत के लिए ऊर्जा विभाग द्वारा संपूर्ण संसाधन-सामग्री के साथ टीम तैयार की गई है। चक्रवात के समय सड़कों की मरम्मत के संसाधनों की व्यवस्था की गई है। धराशायी हुए पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। चक्रवात से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाई जा रही है। माना जा रहा है कि बिपरजॉय जब गुजरात के तट से टकराएगा तो उस वक्त 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती हैं। Biparjoy Updates

Cyclone Biparjoy: आखिर क्यों आते हैं चक्रवाती तूफान, कैसे रखे जाते हैं इनके नाम?

मिंढोला नदी पर ब्रिज के बीच स्लैब टूटने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई: पटेल

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तापी जिले की वालोड तहसील में मिंढोला नदी पर बने हाई लेवल ब्रिज के बीच का स्लैब टूटने की घटना के संबंध में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्णय किया है। पटेल ने इस हाई लेवल ब्रिज के बीच का स्लैब टूटने की घटना की तत्काल जांच सौंप दी है। Cyclone Biparjoy

इस जांच की प्राथमिक रिपोर्ट में हाई लेवल ब्रिज की निर्माण सामग्री की गुणवत्ता में गंभीर क्षति पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्ती से पेश आने का निर्णय किया है। जिसके अनुसार पुल के निर्माण कार्य से जुड़े कार्यपालक अभियंता, उप कार्यपालक अभियंता और सहायक इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा निर्माण कार्य में कंक्रीट की गुणवत्ता उचित नहीं रखने के लिए इस पुल के ठेकेदार अक्षय कंस्ट्रक्शन, सूरत को ब्लैक लिस्ट में डालने और पैसे की वसूली करने की कार्यवाही शुरू करने का निर्णय भी किया है।

पटेल ने द्वारका, जामनगर, कच्छ, गिर सोमनाथ के गांवों की ली जानकारी | Biparjoy Updates

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को गांधीनगर से द्वारका, जामनगर, कच्छ और गिर सोमनाथ जिले के गांवों के सरपंचों का सीएम डैशबोर्ड और जनसंवाद केंद्र के जरिए संपर्क कर उनके गांवों की स्थिति की जानकारी हासिल की। पटेल को सीएम डैशबोर्ड के जरिए चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ की संभावित आपदा के चलते तटीय क्षेत्रों में समुद्र से 0 से पांच तथा पांच से 10 किमी की सीमा में स्थित 164 गांवों का संपर्क किया गया और सरपंचों को स्थानांतरण संबंधित तथा चक्रवात के खिलाफ एहतियात बरतने के बारे में जानकारी दी गई।

सरपंचों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से मिल रही सहायता पर संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने इस संभावित चक्रवाती तूफान की स्थिति में तटीय गांवों के साथ संपर्क लगातार बनाए रखने की व्यवस्थाओं को लेकर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने राज्य में पिछले 20 वर्षों के दौरान आए चक्रवात में हवा की तीव्रता तथा अन्य प्रभावों के संबंध में प्राप्त किए गए डेटाबेस के आधार पर मिटिगेशन यानी न्यूनीकरण के दीर्घकालिक उपाय करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं और सर्वेक्षण का सुझाव दिया।

2 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान | Cyclone Biparjoy

वहीं जानकारी के अनुसार महातूफान का कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के नुक्सान का अनुमान बताया जा रहा है। सभी बडे बंदरगाह बंद हैं और समुद्र से तेल का व्यापार भी ठप है।

तूफान के चलते 100 से ज्यादा ट्रेनें रद्द

वहीं महातूफान के चलते गुजरात आने-जाने वाली 100 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द किया गया है। राजकोट एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही रोकी गई। स्कूल कॉलेज भी एहतियातन बंद किए गए हैं।

गुजरात में 47 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया: पांडे | Biparjoy Updates

गुजरात राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बुधवार को कहा कि संभावित चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में अब तक 47 हजार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी आॅपरेशन सेंटर में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर ह्यबिपरजॉयह्ण चक्रवात के खिलाफ प्रशासन द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी प्राप्त की। इस बैठक में मुख्य सचिव सहित अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में उन्होंने चक्रवात से संभावित स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक सुझाव दिए।

केंद्रीय मौसम विज्ञान विभाग की क्षेत्रीय निदेशक सुश्री मोहंती ने बैठक में मौसम की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 15 जून को उत्तरी गुजरात के बनासकांठा, साबरकांठा, पाटण जैसे जिलों में भी बारिश होने का अनुमान है। पांडे ने इस समीक्षा बैठक में जानकारी देते हुए कहा कि संभावित चक्रवात से किसी भी प्रकार की जनहानि न हो इसके लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैयार है। राज्य सरकार द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने के कार्य पर जोर देते हुए अब तक 47 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का कार्य अभी भी प्रगति पर है तथा आज शाम तक यह कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो जायेगा।

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि जूनागढ़ जिले में अब तक 4462, कच्छ में 17,739, जामनगर में 8542, पोरबंदर में 3469, द्वारका में 4863, गिर सोमनाथ में 1605, मोरबी में 1936 और राजकोट में 4497 समेत कुल मिलाकर 47,113 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। Cyclone Biparjoy

राहत आयुक्त ने कहा कि चक्रवात संभावित जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 17 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 12 टीमों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की कच्छ में चार, देवभूमि द्वारका और राजकोट में तीन-तीन, जामनगर में दो तथा जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी तथा वलसाड में एक-एक टीम तैनात की गयी है। इसके अलावा वडोदरा में तीन और गांधीनगर में एक टीम को रिजर्व रखा गया है। एसडीआरएफ की कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका में दो-दो टीमें हैं जबकि जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी, पाटण तथा बनासकांठा में एक-एक टीम तैनात है। इसके अलावा सूरत में एक टीम को रिजर्व रखा गया है।

चार हजार से अधिक होर्डिंग हटा दिए गए | Cyclone Biparjoy

उन्होंने कहा कि तूफान की संभावित स्थिति को देखते हुए इन जिलों में चार हजार से अधिक होर्डिंग हटा दिए गए हैं। चक्रवात के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए पीजीवीसीएल की 597 टीमों को तैयार किया गया है। सब स्टेशनों में आवश्यक मात्रा में तार-खंभे भी उपलब्ध कराये गये हैं। इतना ही नहीं संभावित प्रभावित क्षेत्रों में अन्य जिलों से टीम बुलाकर तत्काल बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए है।

पांडे ने कहा कि प्रभावित तटीय जिलों में सरकारी स्कूलों-कार्यालयों में सुरक्षित स्थानों पर शेल्टर होम तैयार किए गये हैं। जहाँ रहने, खाने और दवा सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी हैं। इसके अलावा आस-पास के स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी और निजी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में मेडिकल स्टाफ एवं दवा सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है। जनरेटर सेट तथा अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं भी तैयार रखी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार बचाव कार्य के लिए संबंधित जिला प्रशासन को तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगातार संपर्क में है।

मुख्य सचिव राज कुमार ने इस संबंध में उत्तर गुजरात के जिलों के जिलाधीशों और प्रशासन को भी पूर्व में ही तैयारी करने के दिशानिर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा या चक्रवात के चलते संचार प्रणाली के प्रभावित होने की स्थिति में उससे निपटने के लिए सैटेलाइट फोन, हेम रेडियो आॅपरेटर, जी-स्वान नेटवर्क की सेवाएं भी एहतियात के तौर पर तैयार रखी गई हैं। इसके अलावा इन्ट्रा सर्कल पद्धति यानी मोबाइल सर्विस आॅपरेटरों को भी एहतियात के तौर पर वैकल्पिक टावर चालू रखने को कहा गया है। इस समीक्षा बैठक में राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिवों सहित वरिष्ठ प्रमुख सचिवों, सचिवों एवं अधिकारियों ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को अपने विभागों द्वारा अब तक किये गये कार्यों का ब्यौरा दिया है।