खोरी गांव में पुलिस और ग्रामीण भिड़े, महापंचायत में नारेबाजी के बाद बिगड़ी स्थिति

Kheri Village of Faridabad

आवाज उठाने का सबको हक : गुरनाम सिंह चढूनी

सच कहूँ/राजेन्द्र दहिया फरीदाबाद। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खोरी गांव में प्रशासन पिछले कुछ दिनों से तोडफोड़ की प्रक्रिया को लेकर तैयारी कर रहा है, जिसको लेकर खोरी गांव में बुधवार को महापंचायत हुई। महापंचायत को लेकर प्रशासन ने भी मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया था। महापंचायत के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी तेज कर दी। उग्र होते प्रदर्शन को देखकर पुलिस ने ग्रामीणों के ऊपर कार्रवाई की।

इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों पर जहां लाठीचार्ज किया। वहीं ग्रामीणों ने भी पुलिस पर पथराव किया, जिससे खोरी गांव में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस पूरी घटना के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी वहां पहुंचे। उन्होंने वहां पुलिसकर्मियों से बातचीत की। उन्होंने लाठीचार्ज की घटना को गलत बताया। चढूनी ने कहा कि पुलिस पर अगर पथराव किया गया है तो वो भी गलत है, लेकिन पुलिस को भी उन पर लाठीचार्ज नहीं करना चाहिए था। पुलिस और लोगों में हुई झड़प के बाद माना जा रहा है कि पुलिस प्रशासन अब यहां लोगों को ज्यादा वक्त देने के कतई मूड में नहीं है और तोडफोड़ की कार्यवाही को यहां कभी भी अंजाम दिया जा सकता है।

क्या है मामला

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव में तोडफोड़ की जानी है। करीबन दस हजार मकानों को तोड़ा जाएगा, फिलहाल थोड़ी बहुत जगह खाली करवाई जा चुकी है और लोगों ने गांव से जाना भी शुरू कर दिया है और जो लोग अभी वहां से नहीं गए हैं तो प्रशासन उन घरों के खाली होने का इंतजार कर रहा है। बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है। अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है।

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