कोरोना संकट: RBI ने दी बड़ी राहत

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मुंबई। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर के मात्र 1.9 फीसदी रहने का अनुमान जताते हुए RBI ने शुक्रवार रिवर्स रेपो दर में कमी करते हुए अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए कई उपायों की घोषणा की है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाददाता सम्मेलन में इन उपायों की घोषणा की। उन्होंने अच्छे मानसून के अनुमान को अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा बताया। उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में बैंकिंग क्षेत्र काम कर रहे हैं। उन्होंने नाबार्ड को 25 हजार करोड़ देने का ऐलान किया।

हाउसिंग सेक्टर को 10 हजार करोड़ रुपए देने का ऐलान किया गया। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरे दौर में है। उन्होंने आश्वस्त किया कि नकदी की कमी नहीं होने दी जाएगी। आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में कमी की है यानी बैंकों को RBI में पैसा रखने की जरूरत नहीं। रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कमी की गयी है, यह अब 3.75 फीसदी पर आ गया है।रिजर्व बैंक ने देश में कोरोना के बढ़ते मामले पर नजर बनाये रखी है और देश में कामकाज को सुचारु बनाये रखने के लिए कई पहल की है। रिजर्व बैंक ने फिलहाल बैंकों को डिविडेंड बांटने से भी मना कर दिया है।

कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट

आर्थिक हालात के बारे में दास ने कहा कि मार्च में ऑटोमोबाइल उत्पादन और बिक्री गिरी है। बिजली की मांग में भी कमी आई है। दुनिया को कोरोना वायरस की वजह से नौ लाख करोड़ डॉलर का नुकसान होने की आशंका है जो कई विकसित देशों की अर्थव्यवस्था के बराबर है। वित्तीय नुकसान को कम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना संकट के बीच कैश की कमी नहीं होने दी जाएगी।

देश में 91 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं। नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी जैसे संस्थानों के वित्त पोषण के लिए 50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दास ने कहा कि इस वक्त 150 से अधिक अधिकारी क्वारंटीन होकर भी लगातार काम कर रहे हैं और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आईएमएफ का अनुमान है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो कि खतरे की घंटी है। कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है।

  • कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी।
  • RBI की ओर से बड़ी राहत देते हुए रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की।
  •  IMF के आंकलन पर भारत को 2021-22 में तेज बदलाव की उम्मीद है।
  • फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे कि डॉक्टर, नर्स, सोशल वर्करों ने बहुत बड़ा काम दिखाया है।
  • गरीबों को हर महीने 10 किलो का मुफ्त अनाज दिया जाएगा।
  • किसानों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी।
  • महिलाओं, बुजुर्गों और कर्मचारियों के लिए भी ऐलान किए गए हैं।

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