नियमों की उड़ रही धज्जियाँ

सरकारी अस्पताल में कोरोना सैंपलिंग में आई तेजी

  • कोरोना पीड़ितों के लिए बैडों की हुई व्यवस्था, लेकिन डॉक्टरों के कमरों के आगे मरीजों की भारी भीड़

अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) कोरोना की लहर को देखते हुए जहां जिला उपायुक्त और सिविल सर्जन के निर्देशों पर सरकारी अस्पताल के मरीजों के लिए 2 दर्जन बैडों का इंतजाम कर कोरोना वार्ड बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर सिविल अस्पताल में खुद ही कोरोना गाइडलाईन का कठोरता से पालन नहीं कर रहा, जिसके चलते डॉक्टरों के कमरे के बाहर खडेÞ मरीजों द्वारा किसी प्रकार का मास्क नहीं लगाया जा रहा। हर डॉक्टर के कमरे के आगे मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है। इस बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा सरकारी अस्पताल को कोरोना सैंपलों के लिए कुछ टारगेट दिए गए हैं, जिसको पूरा करने के लिए अस्पताल का पूरा अमला कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों के साथ अस्पताल में दवा लेने आने वाले अन्य मरीजों के भी कोरोना सेंपल लिए जा रहे हैं।

जोकि महज एक खानापूर्ति है। जबकि वास्तव में अस्पताल द्वारा कोरोना गाइडलाईन का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा। जिसके चलते मरीज पूरे अस्पताल में बिना मास्क के घूमते देखे जा सकते हैं। इससे सरकारी अस्पताल कोरोना की रोकथाम नहीं बल्कि कोरोना को बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है। सूत्रों से पता चला है कि अस्पताल में होने वाले टीकाकरण के लिए कोवीशील्ड के मात्र कुछ टीके ही यहां पहुंचाए गए हैं। जबकि टीका लगवाने वालों की संख्या अधिक होती है। ऐसे में जागरुक लोगों ने स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि सरकारी अस्पताल में हो रही कोरोना गाईडलाईन की अनदेखी को शीघ्र ही दूर करवाया जाए। अन्यथा यह सारे दिखावटी प्रबंध धरे के धरे रह सकते हैं।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।