Haryana Board: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 9 से 12 का पाठ्यक्रम बदला

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Haryana Board: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 9 से 12 का पाठ्यक्रम बदला

Haryana Board:हिसार सच कहूँ/संदीप सिंहमार। । अपने नए-नए प्रयोगों के लिए अपने नए-नए प्रयोगों के लिए चर्चित हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अब कक्षा 9 से लेकर 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। पाठ्यक्रम का पूरा शेड्यूल शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। स्कूली विद्यार्थियों में नैतिक मूल्य स्थापित करने के लिए पढ़ाई जाने वाली पुस्तक नैतिक शिक्षा को एक बार फिर हटा दिया गया है। अब नैतिक शिक्षा के स्थान पर उत्तरा व मध्यमा नाम से पुस्तके पढ़ाई जाएंगी। इन दोनों पुस्तकों का सिलेबस हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम विभाग ने खुद तैयार किया है। बाकी सभी पुस्तकें पहले की तरह नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग की पढ़ाई जाएगी।

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भार कम करने के लिए कुछ चेप्टर भी हटाए | Haryana Board

विद्यार्थियों पर सिलेबस का भार कम करने के लिए पहले से निर्धारित सिलेबस में से कुछ चेप्टर हटाए गए हैं। 15 वर्षों से अधिक समय से चले आ रहे हिंदी अनिवार्य विषय से व्याकरण के उपविषय भी कम किए गए हैं। इसी प्रकार अन्य विषयों से भी चेप्टर डिलीट किए गए हैं,ताकि सिलेबस कम करके बेहतर परीक्षा परिणाम पर जोर दिया जा सके।

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आंतरिक मूल्यांकन का भी तरीका बदला

संपूर्ण पाठ्यक्रम के आधार पर वार्षिक परीक्षा 80 अंकों और आंतरिक मूल्यांकन 20 अंकों का निर्धारण किया गया है। परीक्षा का यह तरीका पहले भी था। लेकिन इसमें आंतरिक मूल्यांकन के विभाजन में बदलाव किया गया है। 20 अंकों के आंतरिक मूल्यांकन को 6 भागों में बांटा गया है इसमें साल में 2 बार लिए जाने वाले यूनिट टेस्ट के 4 अंक,अर्धवार्षिक परीक्षा के दो अंक, प्री बोर्ड परीक्षा के लिए 2 अंक,छात्र की कक्षा कक्ष की भागीदारी के 2 अंक, परियोजना कार्य के पांच अंक व कक्षा कक्ष में उपस्थिति से संबंधित 5 अंक निर्धारित किए गए हैं।

ऐसे होंगे अटेंडेंस के अंक निर्धारण

वैसे तो आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंक देने का काम विद्यालय का होता है। लेकिन इसके लिए नियम निर्धारित शिक्षा बोर्ड द्वारा किए जाते हैं। इस बार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने आंतरिक मूल्यांकन में छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए कड़े नियम तय किए हैं। यदि इन नियमों पर खरा उतरा जाए तो बहुत कम विद्यार्थी होंगे जो 20 में से 20 अंक हासिल कर सकेंगे। कुछ भी हो इस बार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में पाठ्यक्रम व परीक्षा का नया स्वरूप देखने को मिलेगा। इसका फायदा होगा या नुकसान यह आने वाला वक्त बताएगा।

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