मोदी है तो मुमकिन है..
पुलवामा हमले के बाद देशवासियों को मोदी पर गर्व
इस लेख का यह शीर्षक मैंने मोदी के एक भाशण से लिया है। क्यों लिया इसे उजागर करने से पहले दो बड़े (It is possible if Modi is) आतंकी हमलों को जान लेते हैं। 15 दिसंबर 2001 को जैशे-मोहम्मद के पांच आतंकियों ने...
आदिवासियों की अस्मिता है जंगल
जंगल जो आदिवासियों की अस्मिता है। जहां उनकी जिन्दगी की गुजर-बसर होती है। उस जंगल और जमीन से (Tribal is the Asmita forest) लाखों आदिवासियों को बेदखल होना पड़ेगा। वजह, आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने ‘जंगल का अधिकार’ कानून का मोदी सरकार अदालत...
‘रमन प्रभाव’ की खोज के स्मरण का दिन
28 फरवरी 1928 को चन्द्रशेखर वेंकेट रमन ने लोक सम्मुख अपनी विश्व प्रसिद्ध खोज ‘रमन प्रभाव’ की घोषणा की थी। ‘रमन प्रभाव’ के लिए ही 1930 में सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार मिला था। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् एवं विज्ञान मंत्रालय द्वारा रमन की...
आतंकवाद पर भारत की बेमिसाल एयर स्ट्राइक
भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना आतंकवादी हमलों के खिलाफ आजतक की सबसे बड़ी कार्यवाई है।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार एयर स्ट्राइक 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के तरह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ...
केजरी को क्यों भाने लगी कांग्रेस ?
चुनाव नजदीक आते ही बदली दिल्ली की राजनीतिक हवा
भारतीय राजनीति में अचनाक एक नायक फिल्म की तरह आम आदमी की एंट्री होती है। वो किसी के आंदोलन का हिस्सा (Kejriwal) बनकर देश को बदलने की हुंकार भरता है लेकिन जब लगा कि इससे भी कुछ नही हो सकता तो वह अपनी पार...
आतंक के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक
आतंकी हमले का बदला भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान से 12 दिनों बाद ले लिया
14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कॉन्वॉय पर हुए आतंकी हमले का बदला भारतीय (Air strikes at terror location) वायु सेना ने पाकिस्तान से 12 दिनों बाद ले लिया। मंगलव...
भाजपा-शिवसेना की दोस्ती के निहितार्थ
पिछले साढ़े चार वर्षों से लगातार एक.दूसरे को पानी पी.पीकर कोसते रहे बरसों पुराने सहयोगी भाजपा और शिवसेना आखिरकार लोकसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले एक-दूसरे के साथ आ ही गए। दरअसल आम चुनाव से पहले भाजपा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है अपने सहयोगियों को अपने ...
नए मुकाम पर भारत-सऊदी अरब संबंध
पुलवामा हमले के दोषियों को सजा दिलाने की भारत की मुहिम को दुनिया भर में मिल रहे समर्थन के बीच भारत यात्रा पर आए सऊदी अरब के युवराज का आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ कंधा जोड़ने का वादा भारत-सऊदी अरब के प्रगाढ़ होते रिश्ते को ही अभिव्यक्त करता है...
शराब ने बढ़ाया अपराधों का दायरा, उजड़ रहे परिवार
भारत में शराब ने उत्पात मचा रखा है। एक सरकारी अध्ययन रिपोर्ट को गहनता से देखें तो पता चलेगा शराब की पहुँच घर घर हो गई है। हो भी क्यों नहीं, सरकार खुद शराब के धंधे को बढ़ावा दे रही है। लाइसेंस बांट कर राजस्व एकत्रित कर कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर र...
संडे मोटिवेशनल: यही तो हैं सार्थक जीवन की राहें
ऐसा व्यक्ति शायद ही कोई मिले जिसे जीवन में किसी भी प्रकार के कष्ट नहीं झेलने पड़े हों। कुछ पाकर खो देने का डर, कुछ न पा सकने का भय, जिन्दगी के पटरी से उतर जाने की चिन्ता- जिन्दगी इन्हीं छोटी-छोटी चिन्ताओं और ऐसे छोटे-छोटे डरों से घिरी रहती है। एक नहीं...
आतंक को पालने के लिए पैसे दे रहे इमरान खान
जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के अवन्तीपुरा में आतंकवादियों द्वारा आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 46 जवानों की मौत से सारे देशवासी हतप्रभ हैं और पूरे देश में आक्रोश है। पूरे देश में गुस्से और बदले की भावना फैलती जा रही है। सरकार निर्णायक कदम उठाने की द...
कश्मीर की समस्या व समाधान की संभावनाएं निहित
उजम्मू-कश्मीर में घुसपैठ एवं आतंकवाद का कोई नई घटना नही बल्कि यह प्रक्रिया पाकिस्तान के गठन के बाद से ही चली आ रही है। सन 1947 में पाकिस्तान ने कबाइलियों को भेजकर कश्मीर पर आक्रमण कर दिया, हालांकि उस समय कश्मीर का भारत विलय नहीं हुआ था। इस घटना के पश...
सामाजिक एवं भाषाई पहचान है मातृभाषा
आज पूरी दुनिया 20 वां अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मना रही है। यूनेस्को ने नवंबर 1999 में घोषित किया था कि प्रत्येक 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाएगा। असल में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस ढाका विश्वविद्यालय के उन छात्रों को समर्पित है...
सरकारी धन व सुरक्षा पर इतराते अलगाववादियों पर शिकंजा
यह भारत जैसे उदार व सहिष्णु देशों में ही संभव है कि आप अलगाव और देशद्रोह का खुलेआम राग अलापिए, मासूम युवाओं को भड़काहट, राज्य व राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान पहुंचाइए, बावजूद आपका बाल भी बांका होने वाला नहीं है ? पाकिस्तान के पक्ष में और भारत के विरोध ...
आलोचनाओं से थम जाएंगे विकास के पहिये !
हर मसले पर राजनीति हमारी दिनचर्या का जरूरी हिस्सा बन चुकी है। वहीं दूसरी ओर ये भी कड़वी सच्चाई है कि हमारे यहां राजनीति में ‘निगेटिव अप्रोच’ का स्तर इतना बढ़ चुका है कि अब उसके दुष्प्रभाव अब खुलकर दिखने लगे हैं। हर मामले में जब तक राजनीति न हो तब तक कथ...