बेटा, बहुत भयानक कर्म था, सूली से सूल हो गया। यह साध-संगत की सेवा का ही फल है।’’
यह बात 10 अक्तूबर, 1988 क...
प्रेरणास्त्रोत: गुस्से का वक्त
गुस्से की हालत में अगर फौरन जवाब दिया जाए तो आदमी बेकाबू हो जाता है। वह दोस्ती, रिश्ते-नाते भी भुला देता है।
मनुष्य का स्वभाव
फिशर अपने स्वभाव के मुताबिक काम करें। मैं अपने स्वभाव से काम कर रहा हूं। किसी और के लिए मैं अपना स्वभाव क्यों बदल लूं।
























