यूक्रेन से लौटे पौते को देखकर दादा-दादी को देख मितेंद्र सोनी रोक नहीं पाया खुशी के आंसू

Mitendra Soni sachkahoon

पिछले 4 वर्षों से ओडिशा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था मितेंद्र

भूना (सच कहूँ न्यूज)। यूक्रेन से वीरवार को रोमानिया से फ्लाइट में दिल्ली और दोपहर बाद भूना पहुंचे मितेंद्र सोनी (Mitendra Soni) का घर पहुंचने पर परिजनों क चेहरे खुशी से चमक उठे। मितेंद्र सोनी अपने दादा धर्मपाल व दादी सावित्री सोनी को देखकर अपनी खुशी के आंसू रोक नहीं पाया। जिसे देखकर परिवार का हर सदस्य भावुक हो उठा। क्योंकि उनका बेटा पिछले 3 दिनों से रोमानिया बॉर्डर पर ठहराए हुए था। मगर मीडिया के माध्यम से यूक्रेन के बदहाल हालात से परिजन दु:खी थे।

परंतुुु वीरवार को मितेंद्र सोनी (Mitendra Soni) के सकुशल घर पहुंचने पर मिठाइयां तक बांटी गई। एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे मितेंद्र सोनी ने बताया कि वह लगातार पिछले 4 वर्षों से ओडिशा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। वर्ष 2018 में उन्होंने यूक्रेन यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। उन्होंने बताया कि पिछले 3 साल में वह अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण रहा है। लेकिन यूक्रेन में युद्ध होने के बावजूद वह आॅनलाइन एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।

ट्रेन के लिए भटकते रहे इधर-उधर

मितेंद्र सोनी (Mitendra Soni) ने बताया कि रोमानिया बॉर्डर पर उन्हें कोई ज्यादा परेशानी नहीं। छात्र ने बताया 26 व 27 फरवरी को लगातार 2 दिनों तक ट्रेन के लिए इधर-उधर भटकते रहे। मगर ट्रेन सुविधा नहीं मिली तो 28 फरवरी को वह टैक्सी गाड़ी के माध्यम मालदोहा तक पहुंचा। लेकिन 1 मार्च को मालदोहा से रोमानिया बॉर्डर तक बस के द्वारा पहुंचा। अब तो 3 मार्च की सुबह रोमानिया से फ्लाइट के माध्यम से दिल्ली पहुंचा।

दिल्ली एयरपोर्ट से उसके पिता विनोद कुमार व माता सरोज तथा चाचा भूपेंद्र सोनी अपनी कार में बिठाकर घर लेकर आए। मितेंद्र सोनी के घर आते ही खुशियां छा गई। मितेंद्र व उसके छोटे भाई ने एक-दूसरे को गले से लिपटकर पीड़ा एवं खुशियां सांझी कर भावुक हुए।

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