‘साहब! हमारे बेटे के कातिलों को जल्दी पकड़ो’

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गांव खेड़ा खेमावती में धर्मगढ़-रामपुरा रजवाहे के किनारे पराली के ढेर में मिली थी संजय की लाश

  • न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे बुजुर्ग माँ-बाप

  • हत्या के 9 महीने बाद दर्ज हुआ था केस

  • जांच में अभी तक पुलिस के हाथ खाली

सच कहूँ/विकास सिंहमार, सफीदों। सफीदों उपमंडल के गांव खेड़ा खेमावती के लाचार गरीब माँ-बाप अपने 17 वर्षीय बेटे के कातिलों को पकड़वाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। दर-दर फरियाद करने के बाद भी उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सफीदों पुलिस थाने से लेकर जिला पुलिस अधीक्षक जींद, आईजी हिसार व गृहमंत्री अनिल विज से लेकर सीएम विंडो तक अपने बेटे की मौत की जांच व हत्यारों को पकड़ने की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन मामला डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी आगे नहीं बढ़ रहा है। बेटे को याद करते-करते परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का कहना है कि एक तरफ तो उनका बेटा उनसे छीन गया और दूसरी ओर उसके हत्यारे अभी तक भी नहीं पकड़े गए है, ऐसे में उन्हें किस प्रकार से सब्र आएगा।

क्या है मामला:

गौरतलब है कि सफीदों के साथ लगते गांव खेड़ा खेमावती में गांव के धर्मगढ़-रामपुरा रजवाहे के किनारे पड़े पराली के ढेर में 17 वर्षीय युवक संजय का शव मिला था। ग्रामीणों ने इसकी सूचना सफीदों थाना सदर में इस बाबत सूचना दी। सूचना पाकर एसएचओ धर्मबीर सिंह मौके पर पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गहनता से जांच करते हुए उसके चोट के निशान से सैम्पल लेकर लैब में भेजे गए, जिससे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर किसी भारी वस्तु से वार किया गया पाया गया था। रिपोर्ट के आधार पर 9 महीने बाद दिसम्बर माह में हत्या का केस दर्ज किया गया। लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। जांच वहीं की वहीं अटकी पड़ी है। मृतक के पिता प्रेम का कहना है कि उन्होंने पुलिस को कुछ लोगों के शक के आधार पर नाम भी दिए हैं, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

इत्तेफाकिया को हत्या के मामले में किया तब्दील

सफीदों की सदर पुलिस ने गांव खेड़ा खेमावती के मोनू की शिकायत पर बीते वर्ष फरवरी माह में उसके भाई संजय की मौत के इत्तफाकिया मामले को अज्ञात के विरुद्ध हत्या के मामले में तब्दील कर दिया था। तब मृतक के परिजनों ने किसी पर शक जाहिर नहीं किया था और उसकी मौत के मामले को पुलिस ने इत्तफाकिया मौत का मामला बनाकर निपटा दिया था। इस मामले में हरियाणा पुलिस की सुनारियां एफएसएल प्रयोगशाला से बिसरा रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद अक्तूबर 2020 में हत्या की धारा जोड़कर मामले की जांच शुरू की गई थी, लेकिन जांच अभी चल रही है, उसमें कुछ निकलकर सामने नहीं आया है।

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