होली को लेकर बाजारों में छाने लगी रौनक

Holi sachkaoon

रेवाड़ी (सच कहूँ न्यूज)। रंगों का पर्व होली (Holi) आने में अभी छह दिन बाकी हैं, लेकिन बाजार की रौनक बता रही है कि त्यौहार की शुरूआत हो चुकी है। 17 मार्च को होली और 18 को रंगों का उत्सव फाग के रूप में मनाया जाएगा। बाजारों में शहर के रंग, गुलाल की दुकानों में भीड़ जुटने लगी है। इस बार कई तरह के मुखौटे और पिचकारियां बच्चों को आकर्षित कर रही हैं। बच्चे त्यौहार को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं।

बाजार में रंग-गुलाल के साथ पिचकारी की बिक्री शुरू हो गई है। दुकानदारों का कहना है कि रंग वाले गुब्बारे से लेकर स्प्रे, जैल जैसी चीजों का उनकी पसंद के अनुसार बेचे जा रहे हैं। बाजार में 10 रुपये से लेकर हजार रुपये तक की पिचकारी बाजार में है। इस बार गायब होने वाले गुलाल को खरीदने में लोग रूचि ले रहे हैं। बाजार में गुलाल 10 रुपये से लेकर 200 रुपये तक हर्बल गुलाल, गुब्बारे 10 से 50 रुपये तक बिक रहे हैं। अभी छोटे और कस्बों के दुकानदार थोक भाव में सामान खरीद रहे हैं।

होली (Holi) के लिए बाजार में कृष, भूत, मिकी-माउस आदि मुखौटे पसंद किए जा रहे हैं। पिचकारी में डोरेमोन, छोटा भीम, आगी एंड काकरोच, बेनटेन, सिनचैन, पावर रेंजर, बाल गणेश, कृष्णा, कृष मिसाई, बंदूक और टैंकर वाले पिचकारी खरीदी जा रही हैं। दुकानदारों के अनुसार अब लोगों में रासायनिक रंगों के प्रति रुझान कम हो गया है। हर्बल रंग खरीदने वालों की मांग बढ़ने लगी है।

सिथेटिक और चीन निर्मित मांझे पर रोक

त्यौहार (Holi) पर पतंग उड़ाने वालों में उत्साह रहता है। किसी प्रकार की अनहोनी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से जिले में सिथेटिक और चीन की निर्मित मांझे के उत्पादन, भंडारण, खरीद, बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है। जिलाधीश की ओर से जारी आदेशों के अनुसार आदेशों की अवहेलना करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसा करने वालों पर धारा-188, भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत कार्रवाई होगी।

जिलाधीश यशेंद्र सिंह ने कहा कि 2013 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा चीन में बने मांझे के उत्पादन, भंडारण बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। सिथेटिक और चीन निर्मित मांझा पशु पक्षियों व आमजन को भी घायल कर देता है, जिस पर प्रतिबंध लगाया जाना जरूरी है। उन्होंने संबंधित एसडीएम, उप-पुलिस अधीक्षक व थाना प्रभारी को अपने क्षेत्रों में आदेशों की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए हैं।

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