नूंह (सच कहूँ न्यूज)। नूंह जिले में नीमका गांव के झिड़ जंगल में ट्यूबवेल के कुएं में उतरे एक व्यक्ति की दम घुटने से मौत के बाद उसे बचाने की कोशिश में नीचे उतरने वाले 3 लोग भी काल के गाल में समा गए। पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के हवाले कर दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक हनीफ उर्फ हन्नी का ट्यूबवेल गांव के जंगल में कई सालों से है। बरसात के बाद कुएं में मिट्टी व पानी चला गया, जिससे पानी का पंखा इत्यादि दब गए। सरसों इत्यादि फसल की बुआई के लिए उसे दोबारा छटाई कर चालू करने के लिए साहिब (20) पुत्र हन्नी अपने ही गांव के मिस्त्री जमशीद पुत्र उसमान (45) को साथ लेकर बोरवेल पर पहुंचा। जमशीद जैसे ही बोरवेल के गड्ढे में नीचे उतरा तो उसका दम घुटने लगा। उसने साहिब से मदद मांगी। साहिब उसे बचाने के लिए नीचे उतरा तो फिर वापस नहीं आया। बोरवेल के पड़ोस में खेतों में काम कर रही एक महिला ने शोर मचाया तो खेतों पर बोरवेल से नजदीक मकान बनाकर रह रहे जाकर पुत्र इसराइल (21), याहया पुत्र इल्यास (22) दोनों चचेरे भाई महिला की आवाज सुनकर बचाने के लिए बोरवेल की तरफ गए तो बिना कुछ सोचे समझे कुएं में पड़े जमशीद व साहिब को ऊपर लाने के लिए छलांग लगा दी। कुएं में बन रही गैस के कारण दम घुटने से चारों ही शख्स जान गंवा बैठे।
अपने बेटे साहिब व भाई के लड़के सहित कई लोगों को मरता देख बोरवेल मालिक हन्नी ने भी छलांग लगा दी, लेकिन उसे वहां मौजूद भीड़ ने बीच में ही हाथ पकड़ कर खींच लिया। कुछ उम्रदराज लोगों ने अगर समझदारी नहीं दिखाई होती तो मरने वालों की संख्या दर्जनभर से भी अधिक हो सकती थी। जिसके चारों लोगों को रस्सी बिलाई इत्यादि की मदद से निकालना शुरू किया, लेकिन घंटों की मशक्कत के बाद चारों के शव बाहर निकाले जा सके। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। बिछोर थाना प्रभारी अजयबीर भड़ाना ने अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडी खेड़ा पहुंच कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
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