त्यौहारों पर दिखी महामारी और महंगाई की मार

Pandemic and inflation sachkahoon

करवाचौथ पर्व पर भी बाजारों में रौनक घटी

  • दुकानदार बोले : उधार रुपए लेकर खरीदा सामान, अब खरीदार ही नहीं

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। करवाचौथ का त्यौहार हर सुहागन के लिए बड़ा ही खास त्यौहार माना जाता है। इस त्यौहार में सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत करती हैं। इन दिनों कोरोना और मंहगाई ने इस त्यौहार को धूमधाम से मानने पर जैसे ग्रहण सा लगा दिया हो। महंगाई ने न केवल खरीददार पर असर डाला है, बल्कि दुकानदार को भी दिक्कत में डाल दिया है।

महिलाएं इस दिन के लिए अपने हाथों पर मेहंदी लगवाती है। नए-नए वस्त्र खरीदती है। इस बार महंगाई ने दुकानों की रौनक खत्म कर दी। महिलाओं ने दुकानों पर आना तो कुछ शुरू किया, लेकिन महंगाई ज्यादा होने के कारण महिलाएं ज्यादा खरीदारी नहीं कर पा रही है। महिलाओं का कहना है कि जो वस्तु एक सौ रुपये की थी, अब वह 300 रुपए की हो गई है। काफी मुश्किलों से कुछ थोड़ी बहुत खरीददारी वे कर पा रही है। उनका कहना है त्यौहारों का समय आ गया है, लेकिन महंगाई ने उनकी कमर तोड़ दी है, सारा बजट गड़बड़ा गया है। वहीं दुकानदारों ने कहा कि उधार से पैसे लेकर उन्होंने अपनी दुकानों में सामान तो सजा लिया है, लेकिन दुकानों में बिक्री कम होने के कारण काफी समस्या से उन्हें जूझना पड़ रहा है। दुकानदारों का कहना है कि यू ही रहा तो उनके लिए काफी समस्या हो जाएगी।

हालांकि मेहंदी लगाने वालों की दुकानों और ज्वैलरी की दुकानों पर भीड़ खूब देखी जा रही है। भीड़ में सोशल डिस्टेंस दिखाई नहीं दे रहा है, न ही मास्क का प्रयोग दिखाई दे रहा है।

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