महापरोपकार माह के उपलक्ष्य में कविता
नाच रहा ये जहां ..
डालू जिधर नजर रहमतों के भंडार खुले हैं ,
होकर खुशियों में बावले
आज हम अपने को भूले हैं ।
हमारी किस्मत बनाई ,
की तुम्हें पाकर धन्य हुए ।
आज चली महकती पुरवाई ,
जो हर दिल को छुए ।
नाच रहा है ये जहां ,
हलचल है दसों दिश...
महात्मा गांधी जी के जीवन की कुछ रोचक घटनाएं और तथ्य | Mahatma Gandhi
महात्मा गांधी का जीवन परिचय | गांधी जयंती विशेष
पवन कुमार।
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास कर्म चन्द गांधी (Mahatma Gandhi) था। इनका जन्म 2 अक्तुबर सन 1869 में गुजरात के पोरबन्दर में हुआ। इनके पिता करम चन्द गांधी पंसारी जाति से सम्बन्ध रखते थे व...
तेरे खत के दीवाने शहर में लाखों हैं ….चिट्ठी आई है
एक चिट्ठी किसी एक शहर से चली और पते पर पहुंचते ही सबको पता चल गया चिट्ठी आई है। अल्फाजों की कशिश,शब्दों की मोहब्बत,अक्षरों के आकर्षण का क्या कहना? बिना मजबून भापे ही भगदड़ मच गई ये जानने के लिए मेरे लिए क्या लिखा है? मुझसे क्या कहा? कैसे हैं? कब आएंग...
खुद की पहचान करो
एक बार की बात है, किसी गाँव के पास बहती नदी के किनारे बुद्ध बैठे थे। किनारे पर पत्थरों की भरमार थी, पर छोटी सी वह नदी अपनी तरल धारा के कारण आगे बढ़ती ही जा रही थी। बुद्ध ने विचार किया कि यह छोटी-सी नदी अपनी तरलता के कारण कितनों की प्यास बुझाती है, लेक...
कुत्ते जिहा ना कोई वफ़ादार
सुत्ता उठ के कोई नहीं खुश हुंदा बुल्लेया
ते बड़े सुत्ते जगा के वेखिया ए
कुत्ते जिहा कोई नहीं वफादार डिट्ठा
ते टुक्कर सुक्का वी पा के वेखिआ ए
तोता जदों वी छड्डिए उड्ड जांदा
कईआं चूरिआं पा के वेखिआ ए
डंग मारनों कदे वी सप्प नहीं हटदा
कईआं दूध पिआ ...
कविता: मैं किसान हूँ…
हा मैं किसान हूँ
जमीं को चीर कर अन्न उगाने वाला।
खुद की पेट काट कर भी
सबकी भूख मिटाने वाला।
सरकार की बीमार
मानसिकता का
शिकार हो कर भी पेट भरने वाला
आय दोगुनी का लॉलीपॉप दे कर ।
एक्ट ला हमें खत्म करने वाली
सरकार के खिलाफ है हम
न हम हिंदुस्ता...
संगत का असर
एक बार एक बौद्ध भिक्षु भिक्षा लेने एक नगर में गया हुआ था। और सारे नगर के लोग उसकी सेवा करना चाहते थे क्योंकि उस समय बौद्ध भिक्षुओं का बहुत सम्मान था। इसलिये जिसे भी पता चला दौड़ा-दौड़ा उस भिक्षु के पास पहुँचा। उन्हीं में से एक वेश्या भी थी जिसने उस भिक...
दर्जी की सीख
एक दिन स्कूल में छुट्टी की घोषणा होने के कारण, एक दर्जी का बेटा, अपने पापा की दुकान पर चला गया। वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते हुए देखने लगा। उसने देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख ...
प्रेरक प्रसंग: ईमानदारी का फल
बहुत पहले की बात है एक राजा सुबह सुबह सैर करने के लिये महल से अकेला ही निकला। रास्ते में उसने देखा, एक किसान पसीने में तर-ब-तर अपने खेत में काम कर रहा है। राजा ने उसके पास जाकर पूछा, 'भाई आप इतनी मेहनत करते हो, दिन में कितना कमा लेते हो ?' किसान ने उ...
India is my country: भारत देश मेरा…
मेरी भारत माता मानवता की महान भूमि है
पहली बार सभ्यता को अपनी उपस्थिति मिली
अलग-अलग देशों में अभिवादन की अनोखी परंपरा
सच कहूँ डेस्क। अपने प्रियजनों या दोस्तों से मुलाकात होने पर, अजनबियों से मिलने पर, किसी व्यापारिक या व्यावसायिक समारोहों के दौरान लोग अक्सर एक दूसरे से हाथ मिलाकर (हैंडशेकिंग) अभिवादन करते हैं। यह स्वाभाविक रूप से पश्चिमी देशों की प्रथा रही है, और वि...
माँ ही है इस संसार में साक्षात परमात्मा
लड़का एक जूते की दुकान पर आता है, गांव का रहने वाला लग रहा था बोलने के लेहजे से लेकिन बोली में ठहराव था उसके। दुकानदार की पहली नजर उसके पैर पर जाती है। उसके पैरों में लेदर के शूज थे, सही से पॉलिश किए हुए।दुकानदार —क्या सेवा करूं? लड़का — मेरी मां के लि...
लघु कंथा : पिता का प्रेम
रमा जी के घर निर्माण कार्य चल रहा था। भोजन करने के वक्त श्यामू सबसे अलग-थलग बैठा था। क्या बात है श्यामू, आज तूं खाना लेकर नहीं आया? रमा जी ने पूछा। नहीं मालकिन, मेरी घरवाली बीमार चल रही है, इसीलिए मेरी बेटी ही कुछ दिनों से घर का काम देख रही है। रात म...
कविता : राष्ट्र जीवंत
राष्ट्र जीवंत रहे दिल में अरमान है
सब सुरक्षित रहें दिल में अरमान है
देश ही के लिए हों सब अच्छे कर्म
यह हर एक देशवासी की पहचान है।
तुम ग़रीबी मिटाओगे यह वादा करो
मुफ़लिसी को हराओगे वादा करो
एकता तुम दिखाओगे यह वादा करो
हर बुराई तुम मिटाओगे यह ...
कविता : किसान का बेटा हूँ…
किसान का बेटा हूँ ,
खेतों में किस्मत बोता हूँ।
खून पसीने से सींचता हूँ,
कुदरत की मार भी सहता हूँ ।
किसान का बेटा हूँ...
खेतों में अपनी किस्मत खोते देखा हूँ।
कभी सुखाड़ में तो कभी बाढ़ में,
पिता के आँखों मे आँसू देखा हूँ।
किसान का बेटा हूँ...
अ...