प्रवासी मजदूरों की दास्तां
मई महीने में मौसम में बढ़ रही तपिश, रात को ठहरने का कोई प्रबंध न होना, भूखे पेट रहना मजबूत अर्थव्यवस्था जैसे आदर्शों की सफलता में बड़ी रुकावट है। केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारों को प्रवास से घर लौट रहे मजदूरों की पीड़ाजनक दास्तां देखनी व समझनी चाहिए, इनकी घर वापिसी को तेज, सुखद व सफल बनाना चाहिए।
साढ़े पांच फुट पानी, जान को खतरा, फिर भी डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों में सेवा का जज्बा
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