जीवन में खुशी
मनुष्य का जीवन भी एक प्रतिध्वनि की तरह है। आप चाहते हैं कि लोग आपसे प्रेम करें तो आप भी दूसरों से प्रेम करें। जिससे भी मिलें, मुस्कुराकर प्रेम से मिलें।
ध्वनि तरंगों से रोग-नियंत्रण के वैज्ञानिक उपाय
ब्रिटेन से प्रकाशित 2007 के ‘साइंस’ जनरल में एक लंबे शोध के बाद ऊं की महिमा स्वीकार की गई है। यह शोध रिचर्स एंड एक्पेरिमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंस के प्रमुख जे मॉर्गन और सहयोगियों द्वारा 2500 पुरुषों व 2000 महिलाओं पर किया गया था।
उपदेश का समय
स्वामी विवेकानंद जी क्षण-भर तो चुप रहे, फिर बड़े गंभीर स्वर में बोले-'देखो भाई, जब तक मेरे देश में एक भी छोटा बच्चा कहीं भूखा है, तब तक उसे खिलाना ही हमारा सच्चा धर्म है। इसके अलावा जो कुछ भी है, वह झूठा धर्म और ज्ञान है।
लॉकडाउन की अहमीयत
देश भर में लॉकडाउन लागू करने की मजबूरी प्रधानमंत्री के सख्त शब्दों से समझी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को कर्फ्यू ही समझा जाए। दरअसल प्रधानमंत्री विभिन्न राज्यों द्वारा पिछले दिनों अपने स्तर पर किए गए लॉकडाउन को लेकर व जनता द्वारा लॉकडाउन की पालना को लेकर चिंतित दिखे।
लॉकडाउन की गम्भीरता को समझना होगा
प्रधानमंत्री मोदी ने भी चिंता और गुस्सा जताया है कि अब भी लोगों ने लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लिया है। कृपया करके वे खुद को बचाएं और परिवार को भी बचाएं। राज्य सरकारें सख्ती से इसका पालन कराएं।
कोरोना ने विज्ञान को कटघरे में खड़ा किया
हमें गम्भीरता से सोचना चाहिए की आखिर कोरोना का तोड़ क्यों नहीं मिल पा रहा है। यह सब तब हो रहा है जब विश्व में एक से बढ़कर एक नई आधुनिकता वाले उपकरण मौजूद है।
प्रेरणास्त्रोत: गुस्से का वक्त
गुस्से की हालत में अगर फौरन जवाब दिया जाए तो आदमी बेकाबू हो जाता है। वह दोस्ती, रिश्ते-नाते भी भुला देता है।
जीवन-संकटों के बीच उजालों की खोज
मनुष्य जीवन में गैर-जिम्मेदारी एवं लापरवाही की इतनी बड़ी-बड़ी चट्टानें पड़ी हुई हैं, जो मनुष्य-मनुष्य के बीच व्यवधान पैदा कर रही हैं। संकल्प, संयम एवं समर्पण के हाथ इतने मजबूत हैं कि उन चट्टानों को हटाकर आदमी को आदमी से मिला सकता है, जीवन की संभावनाओं को पंख लगा सकता है।
सत्संग से लाभ
एक दिन संत ने कहा- राजन्, अब आप स्वर्ण रसायन का तरीका जान लीजिए। इस पर राजा बोले, गुरुवर, अब मुझे स्वर्ण रसायन की जरूरत नहीं है। आपने मेरे ह्रदय को ही अमृत रसायन बना डाला है।
कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन का करो दिल से पालन
देश को कोरोना वायरस के संक्रमण से और खुद को व अन्य सभी लोगों को बचाने के लिए आराम से घर में रहकर भीड़-भाड़ से बचाव ही इसका एक मात्र सबसे कारगर उपचार है, इस समय सरकार के द्वारा जारी किसी भी एडवाईजरी की अनदेखी करना हम सभी देशवासियों को बहुत भारी पड़ सकता है।
लापरवाही नहीं, जिम्मेदारी समझें
निडरता व लापरवाही में बहुत बड़ा अंतर है। लापरवाही इंसानियत के खिलाफ अपराध है। भले ही भारतीयों की परम्परा ज्यादा घुलने वाली है, इसीलिए देशवासी यदि अपनी सुरक्षा के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना नहीं कर सकते तब यह बात बहुत हानिजनक साबित हो सकती है।
मैनुअल स्कैवेंजिंग पर अब तो लगे रोक
वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने 'सफाई कर्मचारी आंदोलन बनाम भारत सरकार' मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सरकार को 1993 से लेकर अब तक सीवर में दम घुटने की वजह से मरे लोगों और उनके परिवारों की पहचान करके हरेक परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए भी कहा था।
हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली…
23 मार्च, शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 89वीं पुण्यतिथि पर विशेष
जेल जीवन के अपने दो वर्षों में भगत सिंह ने खूब अध्ययन, मनन, चिंतन व लेखन किया। जेल के अंदर से ही उन्होंने क्रांतिकारी आंदोलन को बचाए रखा और उसे विचारधारात्मक स्पष्टता प्रदान की। भगत सिंह सि...
31 मार्च तक लॉकडाऊन का पालन बेहद जरूरी
‘जनता कर्फ्यू’ देश में पूरी तरह सफल रहा। इस दौरान पूरा देश अपने घरों में रहा जोकि कोरोना वायरस की बढ़ रही रफ्तार को रोकने के लिए बहुत जरूरी था। जनता कर्फ्यू के बाद राज्य सरकारें 31 मार्च तक ‘लॉकडाऊन’ कर रही है। जनता कर्फ्यू से ‘लॉकडाऊन’ का चरण भी उतना...