ब्रिटेन में राष्ट्रीय चुनाव में भारत के निहितार्थ
विश्व के सबसे पुराने संसदीय लोकतंत्र ब्रिटेन में 8 जून को लोकतंत्र का महापर्व अर्थात् संसदीय चुनाव हो रहे हैं। जैसे-जैसे 8 जून करीब आया एकतरफा चुनाव कांटे की टक्कर की ओर अग्रसर हो गए। ब्रेक्जिट का फैसला लिए जाने के बाद गुरुवार के चुनावों का यूरोपीय य...
पर्यावरण प्रदूषण: सब हमारा किया धरा है
पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस निकल गया। पर्यावरण पर काफी विचार-विमर्श इस दिन किए जाते हैं। बावजूद इसके सदियों से चला आ रहा ऋतुचक्र गड़बड़ाने लगा है। गरमी का प्रकोप हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। ग्लेशियर पिघलने लगे हैं।
ओजोन की परत में छेद हो गया है। विश्व...
ऐसे में मुफ्त शिक्षा कैसे दे पाएंगे?
हरियाणा के रेवाड़ी की एक छात्रा ने शिक्षा व्यवस्था और सरकारी स्कूलों के साथ सरकारों की कलई खोल कर रख दी है। 1937 के राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में ही महात्मा गांधी ने मुफ्त शिक्षा की परिकल्पना रखी थी।
1966 में कोठारी आयोग ने पड़ोस स्कूल की कल्पना प्रस्त...
अंतरिक्ष में मनुष्य भेजने का खुला रास्ता
अतरिक्ष असीम है और उसमें जिज्ञासा व खोज की अनंत संभावनाएं हैं। करीब 30 साल पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भविष्य की सुखद संभावनाओं को तलाशने की पहल की थी। आज हम एक-एक कर कई उपलब्धियां हासिल कर अंतरिक्ष के विस्ता...
सरकार को किसान बनकर किसान की पीड़ा जाननी चाहिए
जंतर-मंतर, महाराष्ट, मध्यप्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में किसान आन्दोलन कर रहे हैं। देशभर में किसान कर्ज व आत्महत्याओं का सिलसिला दिन-ब-दिन जटिल होता जा रहा है। भारत में अभी भी एक बहुत बड़ी आबादी कृषि क्षेत्र से न केवल जीविकोपार्जन कर रही है, बल्कि उ...
नक्सलियों ने दोहरी चुनौती कर दी पेश
नक्सल इलाकों में ऐसा साफ देखा जा रहा है कि नक्सली अब आधुनिक समय के अनुसार अपनी रणनीति में बदलाव लाने लगे हैं। खासकर छत्तीसगढ़ में अब तक सुरक्षा बलों नक्सलियों के बीच सीधी और बंदूक की लड़ाई थी, लेकिन अब यह लड़ाई हाइटेक भी हो चुकी है। राज्य के नक्सली अब आ...
पेरिस जलवायु समझौता: मुखरित होता अमेरिकी दंभ
अमेरिका को दोबारा महान् बनाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा शुरू की गई मुहिम ने पेरिस जलवायु समझौते को संकट में डाल दिया है। इस समझौते पर भारत सहित दुनिया के 200 देशों ने हस्ताक्षर कर विश्व का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक कम करने का संकल्प लिया है। द...
औपचारिकता न बने पर्यावरण दिवस
प्रकृति हो या मानव जीवन, समाज हो अथवा देश, सभी की उचित स्थिति सुख-समृद्धि तभी तक रह सकती है, जब तक उनमें पर्याप्त संतुलन बना रहे। लेकिन कुछ सालों से पर्यावरण पूरी तरह से असंतुलित हो गया है। पर्यावरण दिवस मनाने के मायने क्या हैं? इसको समझना अब इसलिए भ...
उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध का जिम्मेदार कौन?
जब-जब अपराध बढ़ता है, तब-तब अंगुलियां पुलिस पर उठती है। सच में अगर देखा जाय, तो पुलिस अपनी आदत और पूर्व से चली आ रही परिपाटियों की वजह से बदनाम होती जा रही है। जो भी हो, पुलिस महकमा कभी अपनी छवि नहीं बदल पाएगा, क्योंकि कुछ दाग ऐसे होते हैं जो अच्छे लग...
प्रारम्भिक व उच्च शिक्षा नीतियों में सुधार की आवश्यकता
उत्तर प्रदेश व हरियाणा में नकल की समस्या, बिहार में शिक्षा परीक्षा परिणामों में भ्रष्टाचार की बदौलत हेर-फेर, उस पर पिछली केन्द्र सरकार द्वारा आठवीं तक बच्चों को फेल न करने की लागू की गई नीति ने देश में शिक्षा का बंटाधार कर रखा है।
पिछले वर्ष भी बिहा...
परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर भी निराश न हों
किसी भी परीक्षा में असफल होने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आपके अंदर टैलेंट की कमी है। आज की युवा पीढ़ी को जब पता चलता है कि परीक्षा में उसके कम अंक आए हैं या फिर वह फेल हो गया है, तो बच्चा खाना पीना बन्द कर देता है। अपने माता-पिता और पूरे परिवार से ...
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर वैश्विक एकजुटता जरुरी
2015 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में संपन्न जलवायु शिखर सम्मेलन में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा था कि वह कार्बन उत्सर्जन की समस्या को पैदा करने में अपनी भूमिका को स्वीकार करते हैं और इससे निपटन...
पर्यावरण मुद्दों पर अमेरिका का दोहरा आचरण
पेरिस समझौते से बाहर आकर अमेरिका ने अपनी पारंपरिक आार्थिक पूंजीवादी सम्राज्यवाद की नीतियों का ही प्रमाण है। सन 2015 में हुए पैरिस समझौते पर 72 देशों ने हस्ताक्षर किए थे।
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस समझौते से खुशी जताई थी। विकासशी...
निकाय चुनावों में मिली सफलता से बढ़ा टीएमसी का हौसला
पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को अच्छी खासी कामयाबी मिली जिससे पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी सहित कार्यकर्ताओं को भी राहत मिली। साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी हुई है। चुनाव से पहले टीएमसी में उहापोह की स्थिति थी। प्रदेश ...
पाकिस्तान परस्त मानसिकता और कश्मीर का दर्द
वर्तमान में भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के चलते निश्चित ही पाकिस्तान के मंसूबे ध्वस्त हो रहे होंगे। इसमें सबसे बड़ी बात यह है भारत की जनता भी यह समझने लगी है कि धीरे धीरे यह अब राष्ट्रद्रोही भाषा बोलने वालों के दिन लद चुके हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे ...