ई-टेंडरिंग पर हरियाणा सीएम मनोहर लाल का बड़ा ऐलान

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अब 5 लाख तक के काम करवा सकेंगे सरपंच

  • पंच-सरपंचों का वेतन भी बढ़ा, अप्रैल से होगा लागू
  • काम की गुणवत्ता के लिए अधिकारी होंगे जिम्मेवार

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को ई-टैंडरिंग पर सरपंचों की मांग को देखते हुए काम की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया। इससे ऊपर की राशि के सभी काम ई-टेंडरिंग से ही होंगे। उन्होंने कहा कि जिला परिषद की भी शक्तियां बढ़ाई गई है। उनके कार्यक्षेत्र का दायरा सरकार के द्वारा बढ़ाया गया है। मनोहर लाल ने कहा कि ई टेंडरिंग से जो काम होंगे अगर उसकी गुणवत्ता में कोई खराबी आती है तो उसकी जिम्मेदारी अधिकारी की होगी। सीएम ने कहा कि जो कोटेशन से काम होंगे, उसकी गुणवता की जिम्मेदारी सरपंच की होगी। गुणवत्ता के साथ सरकार किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करेगी।

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मुख्यमंत्री ने सरपंचों का वेतन 3 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए कर दिया। सीएम ने कहा कि सरपंचों को बढ़ा हुआ वेतन अप्रैल से दिया जाएगा। इसके अलावा पंचों के वेतन में भी बढ़ोत्तरी की गई है। उनका वेतन एक हजार से बढ़ाकर 1600 रुपए कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बड़ी पंचायतों के लिए 25 लाख रुपए बजट रखा गया है। यहां कुछ काम ई टेंडरिंग से किए जाएंगे। कुछ काम कोटेशन के जरिए होंगे। लापरवाही मिलने पर अधिकारी होंगे जिम्मेदार होंगे। साथ ही टेंडर पब्लिश करते ही राशि अलॉट कर दी जाएगी। पंचायतों में विकास का पैसा चार किश्तों में दिया जाएगा। सीएम कहा है कि अब पंचायतों में विकास के कामों के लिए बिजली के बिल पर 2% का भुगतान पंचायतों को दिया जाएगा। इसके साथ ही स्टांप ड्यूटी में भी पंचायतों को 1 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा।

ग्राम सचिव की एसीआर सरपंच लिखेंगे

मुख्यमंत्री ने सरपंचों को एक और बड़ा तोहफा दिया। मुख्यमंत्री ने सरपंचों के अधिकार में बढ़ोत्तरी करते हुए ग्राम सचिव की एसीआर लिखने का अधिकार भी सरपंचों को दे दिया। उन्होंने कहा है कि विपक्ष ई-टेंडरिंग को लेकर केवल भ्रांतिया फैला रहा है। जबकि इस व्यवस्था से कामों में पारदर्शिता आएगी।

पंचायतों में तैनात होंगे सीईओ

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को सुधारने के लिए सीईओ की भर्तियां शुरू की हैं। पंचायती राज में पहले सीईओ की भर्तियां नहीं की जाती थी। इस नियुक्ति से पंचायतों में कामों को और बेहतर करने में मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि सरकार पंचायतों को सशक्त करने में काम कर रही है।

सरपंचों के काम का होगा ऑडिट

सीएम ने कहा कि गाँवों में कराए जाने वाले कामों का सरकार ऑडिट कराएगी। इसके साथ ही कराए गए कामों का सरकार ग्राम सभा से भी फीडबैक लेगी। कामों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्वालिटी टेस्ट टीम भी बनाई जाएगी। चलते हुए कामों का टीम निरीक्षण करेगी। सरकार के इस कामों से गांवों में विकास की धारा बहेगी।

जिला परिषद की बढ़ाई शक्तियां

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला परिषद को लेकर कहा कि प्रत्येक जिला परिषद का अपना कार्यकाल होगा। इसके साथ ही पहली तिमाही को करीब 12 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। इसके साथ ही पांच बड़े गाँवों में स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी जिला परिषद के द्वारा पूरी की जाएगी। इसके साथ ही मिड डे मील की मॉनिटरिंग के लिए जिला परिषद की जिम्मेदारी सरकार के द्वारा तय की गई है।

जिला परिषदों के लिए 110 करोड़ किए आवंटित

उन्होंने कहा कि जिला परिषद को 110 करोड़, ग्राम पंचायत के लिए 165 करोड़, पंचायतों के लिए 850 करोड़ रुपए अलॉट किए हैं। हर जिले में जिला परिषद के सचिवालय बनाने का फैसला सरकार ने किया है। काम की क्वालिटी तय करने के लिए इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की है।

जिला स्तर पर नोटिफाई होगा एचएसआर रेट

मुख्यमंत्री ने कहा कि एचएसआर रेट और डीसी रेट के बीच समन्वय बनाया जाएगा, इसके लिए एचएसआर रेट को जिला स्तर पर बनाकर नोटिफाई किया जाएगा। बिजली कर का 2 फीसदी पंचायतों को एरियर के साथ और स्टांप ड्यूटी का 2 फीसदी पंचायतों को दिया जाएगा। अब तक 6217 पंचायतों में से 5048 के प्रस्ताव आए हैं, लगभग 9418 के करीब प्रस्ताव आए, जिनमें से 1044 के टेंडर अभी तक अपलोड हुए।

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