सर्तकता में ही बचाव
इस बुरे वक्त में सरकार, प्रशासन, निजी कंपनियों, आमजन सबको बहुत ही सर्तकता से अपना काम करना है। जरा सी भूल से जहां कोरोना की मार पड़ सकती है वहीं विसाखापत्तनम या ओरंगाबाद रेल हादसे जैसी कोई त्रासदी भी घटित हो सकती है।
क्या लॉकडाउन व कोरोना से बचाव पर सरकार विफल हो गई
अब लॉकडाउन तब हट रहा है जब देश में डेढ़ लाख के करीब कोरोना मरीज हो गए हैं। स्पष्ट है क्या पहले का लॉकडाउन बिना जरूरत किया गया? क्योंकि कोरोना की भयानकता को देखते हुए लॉकडाउन की शायद अब ज्यादा जरूरत है।
मध्य प्रदेश की मिसाल निराशाजनक
सबसे निराशाजनक पहलू यह है कि सरकार किसी मुद्दे पर नहीं गिरी बल्कि पार्टी विधायकों की नीयत गिर गई जो राजनेताओं की स्वार्थी सोच के चलते पर सवाल खड़े कर रही है।