उत्तराखंड में अगले दो दिन तक रहेगा बारिश का मौसम

Flood in Uttarakhand

देहरादून (एजेंसी)। मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड में अगले दो दिनों सोमवार तक बारिश और बर्फबारी होने के आसार है। मौसम विभाग ने आज सुबह यहां बताया कि राज्य के उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल एवं चम्पावत जिलों में आज कहीं-कहीं बहुत हल्की से हल्की वर्षा और गर्जन के साथ बौछार पड़ने का अनुमान है े राज्य के शेष जिलों में मौसम शुष्क रहने के आसार है। जबकि रविवार को उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार, चमोली, नैनीताल एवं चम्पावत जिलों में कहीं-कहीं बहुत हल्की से हल्की वर्षा तथा गर्जन के साथ बौछार पड़ने के आसार है। इसके साथ ही, दो जनपदों उत्तरकाशी एवं चमोली के 3500 मीटर व उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में कहीं-कहीं बहुत हल्की से हल्की बर्फबारी होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, 25 से 27 अक्तूबर तक राज्य के सभी जिलों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।

नैनीताल में तीन शव और बरामद

उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में शुक्रवार को तीन शव और बरामद हुए हैं। इसमें एक शव कोसी नदी के तेज बहाव के चपेट में आयी सात साल की बच्ची का भी है। इस प्रकार कुमाऊं में मरने वालों की संख्या 61 पहुंच गयी है। नैनीताल पुलिस मीडिया सेल के अनुसार रामगढ़ के शकुना गांव में 19 अक्टूबर को एक मकान में मलबा घुसने से एक कमरे में सो रहे नौ लोग जिंदा दफन हो गये थे। इनमें से कुछ लोगों का शव बरामद कर लिया गया था जबकि दो लोग लापता थे। एनडीआरएफ व पुलिस के जवानों की ओर से मौके पर मलबे से शवों को निकालने का कार्य चलाया गया। आज टीम को सफलता हाथ लगी और दो लोगों के शवों को बरामद कर लिया गया है। रामनगर में 20 अक्टूबर को सात साल की बच्ची आलिया के कोसी नदी के तेज बहाव की चपेट में आने की खबर प्रकाश में आयी थी। पुलिस व स्थानीय लोगों की ओर से लापता बच्ची की तलाश के लिये तभी से लगातार अभियान चलाया जा रहा था। आज बच्ची का शव को कोसी नदी के किनारे झाड़ियों से बरामद कर लिया गया। इस प्रकार नैनीताल जनपद में मरने वालों की संख्या 34 पहुंच गयी है।

आपदा से कुमाऊं को 2000 करोड़ का नुकसान: सुशील कुमार

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल को आपदा के कहर से लगभग 2000 करोड़ का नुकसान पहुंचा है वहीं 65 लोगों की मौत हुई जबकि चार लोग अभी भी लापता हैं। कुमाऊं के आयुक्त (कमिश्नर) सुशील कुमार ने हल्द्वानी में पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंडल में फसलों को भी भारी क्षति हुई है और अभी उसका आकलन किया जा रहा है। नैनीताल जनपद को अकेले 201 करोड़ की क्षति पहुंची है।कुमार ने बताया कि 17 से 21 अक्टूबर के बीच आयी आपदा में 7880 पर्यटक विभिन्न जगह फंस गये थे और युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य चलाकर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। उन्होंने आगे बताया कि आपदा के दौरान कुछ बाहरी राज्यों के लोगों की मौत हो गयी थी। सरकार ने सभी के पार्थिव शरीर को उनके घर भेजने का निर्णय लिया और अभी तक पांच लोगों के पार्थिव शरीर उनके घर भेजे जा चुके हैं। इनमें तीन बिहार व दो उप्र के शामिल थे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य किया है और इसमें एक निजी हेलीकाप्टर समेत कुल आठ हेलीकाप्टर को लगाया गया। इसी के साथ ही राहत व बचाव कार्य में एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 10 टीमें, पुलिस के 1500 जवान, सेना की तीन यूनिट और वायु सेना के कुछ जवान जुटे रहे। वायु सेना के दो हेलीकाप्टरों से 100 पर्यटकों को कल गुंजी व तेदांग से सुरक्षित निकाला बाहर गया। उन्होंने कहा मंडल में 61 लोग आपदा के शिकार हुए हैं। अभी भी चार लोग लापता हैं। जिनकी तलाश की जा रही है। आपदा से प्रभावित लोगों को विभिन्न स्थानों में ठहराया गया है। आपदा पीड़ितों के लिये 15 स्थानों में लंगर संचालित किया जा रहा है।

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