अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर दीपक लाठर भीम अवार्ड से महरूम

weightlifter Deepak Lather sachkahoon

अवार्ड के लिए चयन न होने पर परिजनों में भी छाई मायूसी

  • दीपक लाठर का आरोप, कम प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का हुआ चयन

  • खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के निदेशक को भेजी शिकायत

सच कहूँ/कर्मवीर, जुलाना। शादीपुर गांव निवासी अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर दीपक लाठर (Weightlifter Deepak Lather) का नाम भीम अवार्ड की लिस्ट में ना आने से दीपक लाठर व उनके परिजनों में मायुसी छाई हुई है। दीपक ने इसकी शिकायत खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के निदेशक को दी है। दीपक लाठर ने आरोप लगाया कि उससे कम प्वाइंट वाले खिलाड़ियों का चयन भीम अवार्ड के लिए हुआ है लेकिन उसे अवार्ड से महरूम रखा गया है।

दीपक लाठर ने बताया कि उसने 2016 में पंजाब में आयोजित सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था जो कि रिकार्ड के साथ मुकाम पाया था। 2017 में तमिलनाडु में आयोजित सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर जीता और 2018 में कर्नाटक में आयोजित सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था। दीपक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुणे में 2016 में आयोजित कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल रिकार्ड के साथ, 2016 में सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप ओलंपिक क्वालीफाई में हिस्सा लिया।

2017 में सीनियर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था, 2017 में कोरिया में आयोजित एशिया कप चैंपियनशिप में कांस्य पदक और 2018 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता था। दीपक की प्रतिभा को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनको सम्मानित किया है लेकिन भीम अवार्ड की लिस्ट में उसका नाम ना आने से परिजनों में मायुसी छाई हुई है।

राष्ट्रपति से मिल चुका है 2015 में बेस्ट नेशनल अवार्ड

दीपक (Weightlifter Deepak Lather) ने बताया कि उसने 14 अगस्त 2020 को जींद कार्यालय में आवेदन किया था लेकिन लिस्ट में नाम नही आने से उसे गहरा धक्का लगा है। दीपक सेना में जेसीओ के पद पर कार्यरत हैं। दीपक लाठर को राष्ट्रपति के हाथों 2015 में बेस्ट नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है। दीपक लाठर प्रदेश के पहले वेटलिफ्टर हैं जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा से हिस्सा लिया और मेडल जीता है।

‘‘विभाग ने सभी आवेदनों को पंचकुला मुख्यालय भेज दिया था। जो लिस्ट जारी की गई है वो मुख्यालय की ओर से जारी की गई है। अब नाम चयनित क्यों नही हुआ मुख्यालय से ही पता चल पाएगा।

संतोष धीमान, डीएसओ जींद।

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