यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रुस के बेस कैंप पर पहुंचे शिवांगी व रोहतास

Europe highest peak Elbrus

हिसार(सच कहूँ न्यूज)। माऊंट एवरेस्ट और किलिमंजारों को फतेह करने के बाद शिवांगी पाठक व रोहताश खिलेरी के कदम अपने तीसरे लक्ष्य से थोड़ी ही दूरी पर हैं अगर सब ठीकठाक रहा तो कल सोमवार को दोनों बहन-भाई यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्बु्रस (Europe highest peak Elbrus) को फतेह कर लेंगे।

शिवांगी व रोहतास एल्ब्रुस के बेस कैंप पर पहुंच चुके हैं। शिवांगी की माता आरती पाठक ने बताया कि वे कल बेस कैंप में आराम करने के बाद फिर से अपनी मंजिल की तरफ निकल पड़ेंगे और सोमवार को दोनों अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।

पर्वतारोही रोहताश खिलेरी
एवरेस्टर शिवांगी पाठक

उन्होंने बताया कि शिवांगी व रोहतास यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला एल्ब्रुस को फतह करने व राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने नई दिल्ली से 30 अगस्त को रवाना हुए थे। शिवांगी पाठक व रोहताश खिलेरी के साथ उनके पिता शिवांगी के पिता राजेश पाठक साथ गए हैं जो उनको उनकी चढ़ाई के लिए उन्हें मिनरले नेवोडी तक छोड़ कर वहीं पर उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं।

31 अगस्त को दोनों ने एल्बु्रस पर चढ़ाई शुरू कर दी थी। आरती पाठक ने बताया कि उनका यह लक्ष्य 7 दिनों में पूरा हो जाने की संभावना है और अपने मुकाम को हासिल कर 7 सितंबर को वे भारत लौटेंगे। ज्ञात रहे कि इससे पहले शिवांगी पाठक व रोहतश खिलेरी ने 16 मई को माऊंट एवरेस्ट को सबमिट किया व 23 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माऊंट किलिमंजारों को सबमिट किया था।

आरती पाठक ने बताया कि वे कस्तूरी देवी मैमोरियल ट्रस्ट की विशेष आभारी हैं जिन्होंने शिवांगी पाठक का इस अभियान में आर्थिक रूप से सहयोग किया है जिसकी बदौलत आज भारत की बेटी विदेशों में नाम कमा रही है। किलीमंजारो के अभियान के दौरान कस्तूरी देवी मैमोरियल ट्रस्ट ने आर्थिक सहयोग देकर यह आश्वासन दिया था कि शिवांगी को भविष्य में भी पैसे के अभाव में किसी अभियान से पीछे नहीं हटने दिया जाएगा और ट्रस्ट पूरा सहयोग करेगी।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।