समकालीन दोहे
चलती चक्की देखकर, नहीं जागती पीर।
दर्द जुलाहे का कहे, कोई नहीं कबीर।।
महाकुंभ की गोद में, बच्चों सा उल्लास।
सारी जनता लिख रही लहरों पर इतिहास।।
गंगा के तट पर जगा, ऐसा जीवन-राग।
तन तो काशी हो गया, मन हो गया प्रयोग।।
अखबारों की आँख में, अफव...
अभिनय का उपहार
उन्नीसवीं शताब्दी की घटना है। भारत पर अंग्रेजों का अधिपत्य था। बंगाल नील साहब के अत्याचारों से त्राहि-त्राहि कर रहा था। कलकत्ता के कुछ नवयुवकों ने इन अत्याचारों पर प्रकाश डालने के लिए एक नाटक का आयोजन किया। अन्य अतिथियों के अतिरिक्त प्रकाण्ड विद्वान ...
कबीर दास जी के दोहे
निंदक नियरे राखिए, आँगन कुटी छवाय,
बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
माला फेरत जु...
गजल : ग़रीबों को फ़क़त, उपदेश की घुट्टी पिलाते हो
गरीबों को फ़क़त, उपदेश की घुट्टी पिलाते हो
बड़े आराम से तुम, चैन की बंसी बजाते हो
है मुश्किल दौर, सूखी रोटियाँ भी दूर हैं हमसे
मज़े से तुम कभी काजू, कभी किशमिश चबाते हो
नज़र आती नहीं, मुफ़लिस की आँखों में तो ख़ुशहाली
कहाँ तुम रात-दिन, झूठे उन्हें स...
प्रधानमंत्री का प्रकृति प्रेम, मोर मांगे मोर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राकृति से बहुत लगाव रखते हैं इसका अहसास वह पहले भी कई मौकों पर करा चुके हैं और इसी कड़ी में उनकी नयी बानगी दिल को भाव विभोर करती है। मोदी ने रविवार को अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर एक मिनट 47 सेकेंड का एक वीडियो पोस...
गजल : जो व्यवस्था भ्रष्ट हो, फ़ौरन बदलनी चाहिए
जो व्यवस्था भ्रष्ट हो, फ़ौरन बदलनी चाहिए
लोकशाही की नई, सूरत निकलनी चाहिए
मुफ़लिसों के हाल पर, आंसू बहाना व्यर्थ है
क्रोध की ज्वाला से अब, सत्ता बदलनी चाहिए
इंकलाबी दौर को, तेज़ाब दो जज़्बात का
आग यह बदलाव की, हर वक्त जलनी चाहिए
रोटियाँ ईमान ...
गजल : थरथरी-सी है आसमानों में
थरथरी-सी है आसमानों में,
ज़ोर कुछ तो है नातवानों में।
कितना खामोश है जहाँ, लेकिन,
इक सदा आ रही है कानों में।
हम उसी ज़िंदगी के दर पर हैं,
मौत है जिसके पासबानों में।
जिनकी तामीर इश्क़ करता है,
कौन रहता है उन मकानों में।
हमसे क्यों तू है ...
लघुकथा : असर
पति-पत्नी दोनों ही समाज सेवा के कार्य करते हैं। शहर में अच्छी धाक है दोनों की। रोज सभा में जाते हैं। नारी चेतना, नारी शक्ति दहेज विरोधी धुआँधार भाषण देते हैं।
इकलौता बेटा ऐसे ही माहौल में बड़ा होने लगा। अब वे दोनों बेटे के विवाह के सपने देखने लगे। मन...
एक दाना और
गल्ले के व्यापारी ने पहली बार छोटे से बेटे को थड़े पर चढ़ाया। बोला-‘‘देख ले, यह है तेरा ठीहा। उठाले तराजू औरये बाट। जाँच-परख ले डंडी... कान-खोट तो नहीं है? अब एक पल्ले में रख सौ ग्राम का बाट और दूसरे में गेहूँ का एक-एक दाना डालना शुरू कर दे। ध्यान रखना...
सच्चे दिल से याद करो तो मौला जरूर देगा दर्श-दीदार
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सतगुरु, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, राम जिसके करोड़ों नाम हैं। जो भी कोई उसे सच्चे दिल से याद करता है, चाहे वो कहीं भी हो वो सतगुरु मौला दर्श-दीदार जरुर देते हैं। इन्सान की भा...
लघुकथा : कैदी
नन्हा बिट्टू दादा जी के साथ बाजार गया हुआ था। बाजार से आते-आते दादा जी ने सोचा-चलो मदिंर में भगवान के दर्शन कर आएं। वे मंदिर पहुंचे। मंदिर में ताले लगे हुए थे। दादा जी ने घड़ी की ओर देखा। दोपहर के 12 बज रहे थे। वे निराश भाव से बढ़ चले।
बिट्टू ने पूछा,...
लघु कथा : कर्ज
सुनो मास्टर रामदीन! अब आपणा इस्तीफा दे दयो। आपकी उमर कोनी काम करण की। के बात मास्टर साहब मैं तो बालकां नै जी-जान तै पढ़ाऊं सू। अर मेरे बढ़िया नतीजे आवैं सैं। रामदीन रटैर होंया पाछै एक प्राइवेट स्कूल मैं लाग्या था।
उसकी आँख्यां आगै अंधेरा होग्या-घर आ...
गजल : कोई आँसू बहाता है…
कोई आँसू बहाता है, कोई खुशियाँ मनाता है,
ये सारा खेल उसका है, वही सब को नचाता है।
बहुत से जवाब लेकर गांव से वो शहर आया था,
मगर दो जून की रोटी, बमुश्किल ही जुटाता है।
मेरी दुनिया में है कुछ इस तरह से उसका आना भी,
घटा सावन की या खुशबू का झोंका जैस...
गोल चक्कर
शहर से लौटते समय देखा कि दरवाजे पर दो सिपाही बैठे आराम से बैठे थे। घर पर पुलिस का छापा पड़ा देखकर हृदय जोर-जोर से धड़कने लगा- ‘ईश्वर भला करें।’ पुलिस की कहीं भी उपस्थिति किसी दुर्घटना, खतरे या बुरी खबर होने का अपशकुन है। घर में प्रवेश करते ही भैया बतात...
हीरों का सच
एक बार राजा कृष्णदेवराय दरबार में बैठे मंत्रियों के साथ विचार विमर्श कर रहे थे कि तभी एक व्यक्ति उनके सामने आकर कहने लगा, ‘महाराज मेरे साथ न्याय करें। मेरे मालिक ने मुझे धोखा दिया है। इतना सुनते ही महाराज ने उससे पूछा, तुम कौन हो? और तुम्हारे साथ क्य...