मेहनत और संघर्ष है होंडा की सफलता का राज
होंडा मोटर कंपनी की स्थापना सोइचिरो होंडा ने 24 सितंबर 1948 में जापान के शहर टोकियो में की थी। वे एक ऐसे इंसान से जिनको बचपन से ही गाड़ियों में मतलब ऑटोमोबाइल में बहुत ज्यादा रूचि थी। इसलिए वह अपने दोस्त के गैरेज में गाड़ियों को खुद बनाते थे और गाड़ियों...
संपादकीय : जिद्द कहीं देश का नुक्सान तो नहीं कर रही?
नए कृषि कानूनों पर सरकार और किसान आमने-सामने हैं। सरकार का कहना है कि नए कृषि कानून देश के किसानों की समृद्धि के लिए हैं, इनमें ऐसा कुछ नहीं, जिससे किसानों को कोई हानि हो। अगर किसानों को किसी प्रकार की हानि की आशंका है तो सरकार इनमें संशोधन कर वह आशं...
विनिवेश से आर्थिक सुशासन की राह को समतल किया जाए
सुशासन विश्व बैंक द्वारा निर्गत एक अवधारणा है, जिसकी परिभाषा कहीं अधिक आर्थिक है। लोक कल्याण को पाने के लिए आर्थिक पहलू को सजग करना सरकार का सकारात्मक कदम होता है, मगर विनिवेश का यह तात्पर्य नहीं कि मुनाफे की कम्पनियों को भी दर-बदर कर दिया जाये।
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बढ़ रहा प्रदूषण प्रकृति को दे रहा विनाश
सात वर्ष पहले भी इसी क्षेत्र में बादल फटने से हजारों लोग मौत के मुंह में समा गए थे। प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए प्रबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ प्रकृति के इशारों को समझना भी बहुत जरूरी है। वह चेतावनियां सच साबित हो रही हैं जो कई दशकों से पर्यावरण वै...
संपादकीय : समाधान निकले, भ्रम पैदा न हो
दि ल्ली में केन्द्र व कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन तीसरे महीने में दाखिल हो गया है। ग्यारह मीटिगें करने के बावजदू कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आ सका है, लेकिन फिर भी समाधान की उम्मीद नहीं छोड़Þी जा सकती।.किसानों व सरकार दोनों पक्षों को मसले...
समाधान निकले, भ्रम पैदा न हो
दिल्ली में केन्द्र व कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन तीसरे महीने में दाखिल हो गया है। ग्यारह मीटिगें करने के बावजदू कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आ सका है, लेकिन फिर भी समाधान की उम्मीद नहीं छोड़ी जा सकती।किसानों व सरकार दोनों पक्षों को मसले क...
बिहार और उत्तराखंड में लोकतांत्रिक अधिकारों पर प्रश्न चिह्न?
दो राज्यों ने नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर एक बड़ा प्रश्न चिह्न लगा दिया है। लगता है बिहार और उत्तराखंड मे नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में आ गए हैं। इन दो राज्यों में पुलिस प्राधिकारियों ने ऐसे आदेश जारी किए हैं जिनको लेकर नागरिक अधिकार...
आंखें खोलकर भी सो सकता है खरगोश
दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूरोपियन खरगोश को ही पाला जाता हैं। 2 किलो का खरगोश 9 किलो के कुत्ते के बराबर पानी पी सकता है। धरती पर पालतू खरगोश की लगभग 305 प्रजातियां और जंगली खरगोश की लगभग 13 प्रजातियां हैं। 1912 से पहले खरगोश को रोडेंट्स यानी चूहे, गिल...
मानवता की सेवा में भारत अग्रणी
भारत सरकार ने भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, सेशेल्स में कोरोना वैक्सीन भेजी है। अफगानिस्तान, श्रीलंका और मारिशस को भी भारत की कोरोना वैक्सीन जल्द भेजी जानी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे वैक्सीन मैत्री का नाम दिया है, कूटनीतिक भा...
विज्ञान की कसौटी पर रामसेतु
रामेश्वरम से लेकर श्रीलंका के बीच रामसेतु के चित्र आने के बाद से विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक संस्था नासा सहित अनेक संस्थानों ने रामसेतु की सरंचना पर शोध किए हैं। इनके निष्कर्ष से तय हुआ है कि उथले समुद्र में दिखाई देने वाली 48 किलोमीटर लंबी सेतु सरंचना ...
आम आदमी की कमर तोड़ रही महंगाई
विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं। इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। पेट्रोलयम पदार्थों के लगातार बढ़ते दाम से आम आदमी हलकान है और उस पर तेल कंपनियों ने बार-बार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ा...
सरकार बताए, कृषि सुधारों का वक्त आ गया
किसान आंदोलन दिन-ब-दिन जिस तरह से आगे बढ़ रहा हे, उससे यहां देश के आंतरिक मामलों में बाहरी देशों की दिलचस्पी बढ़ रही है वहीं देश में भी अशांति का माहौल बन रहा है।
पांच हजार वर्ष पूर्व चीन में हुई थी ‘चाय’ की खोज
आविष्कार शब्द के पीछे गहन अध्ययन और कड़ी मेहनत होती है, तभी किसी नयी चीज की खोज संभव हो पाती है लेकिन जब कोई बहुत बड़ा आविष्कार अनजाने में हो जाये तो इसे किसी रोमांचक चमत्कार से कम नहीं समझना चाहिए और आज ऐसे ही एक दिलचस्प आविष्कार की बात करते हैं जिसने...
संधि पर संदेह की वजह
इन देशों का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनुमोदित संधि के जरिए परमाणु निरस्त्रीकरण पर एक व्यापक विश्व व्यवस्था कायम नहीं की जा सकती है, क्यों कि संधि में ईरान व उत्तर कोरिया जैसे देशों के परमाणु कार्यक्रम को लेकर कोई समाधान पेश नहीं किया गया है।
पंजाब में लोकतंत्र का अपमान
पंजाब में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर 14 फरवरी को चुनाव सम्पन्न होने वाले हैं, किंतु जिस प्रकार जिला फाजिल्का, फिरोजपुर और तरनतारन में प्रत्याशियों के नामांकन पत्र रोकने के लिए पथराव व मारपीट की गई है, उससे ऐसा लग रहा है कि अब राजनीति ताकत और अहंकार का खेल हो लिया है।